कोरोना वायरस से मचे कोहराम के बीच मध्य प्रदेश के लिए परेशान करने वाली खबर है। प्रदेश में अब ब्लैक फंगस कहर बरपाने लगा है। राज्य में कोरोना के साथ ब्लैक फंगस की भी शिकायतें बहुत बढ़ रही हैं और मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। प्रदेश में अब तक 600 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ चुके हैं, इनमें से 30 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए 5 मेडिकल कॉलेजों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा में निशुल्क उपचार का इंतजाम किया है।
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राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। प्रारंभिक तौर पर कई जगह ब्लैक फंगस के उपचार के लिए जरूरी इंजेक्शन की कमी सामने आ रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। राज्य में पहला मरीज छह अप्रैल को मिला था।
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उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ गई है, लेकिन साथ में उन्होंने चेताते हुए कहा कि इसके बावजूद जरा सी लापरवाही से फिर स्थितियां काबू से बाहर जा सकती हैं। सीएम शिवराज ने संकेत दिए कि यदि स्थितियां इसी तरह नियंत्रण में रहीं, तो एक जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कफ्यू में राहत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देकर निर्णय लिया जाएगा।
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सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण बैठक के जरिए राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कोरोना टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में सभी 52 जिलों को 31 मई तक कोराना मुक्त करने के प्रयास किए जाएं। हालाकि कुछेक मामले आ सकते हैं, लेकिन जिस तरह से हमने अब तक दिनरात प्रयास कर कोरोना पर काबू पाया है, उसी प्रकार कार्य करके 31 मई तक जिलों को कोरोनामुक्त किया जा सकता है।
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