देश के पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को एक बार फिर भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को लेकर बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बयान के विपरीत इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि इस साल अप्रैल में चीन द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में यथास्थिति बदल दी गई है।
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पी चिदंबरम ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, "चीन के विदेश मंत्रालय और पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने एक बार फिर से पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा जताया है और मांग की है कि भारत घाटी को खाली कर दे। यह असाधारण मांग है।"
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कांग्रेस नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके विपरीत, अब यह निर्विवाद है कि चीनी सैनिकों द्वारा अप्रैल-जून 2020 में यथास्थिति बदल दी गई थी। लोग देख रहे हैं कि क्या मोदी सरकार यथास्थिति बहाल करने में सफल होगी।" उन्होंने सवाल उठाया कि, "क्या बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार एक बार फिर से भारत के दावे की पुष्टि करेगी और मांग करेगी कि यथास्थिति को बहाल किया जाना चाहिए?"
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चिदंबरम ने आज के हमले में सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें मोदी ने कहा था कि "चीन ने भारतीय भूमि पर कोई कब्जा नहीं किया है"। पीएम के बयान पर उठे विवादों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा था कि पीएम मोदी का स्पष्ट कहना था कि भारत एलएसी पर किसी भी तरह के बदलाव के प्रयासों का दृढ़ता से जवाब देगा।
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