जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को एक बस पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। हमले के बाद बस खाई में गिर गई थी। घटना में 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।
रियासी की एसएसपी मोहिता शर्मा ने सोमवार को बताया कि कल शाम जिले के पोनी इलाके के तेरयाथ गांव में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद बस का चालक नियंत्रण खो बैठा। बस खाई में गिर गई, जिससे 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।
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हमला उस समय हुआ जब बस शिव खोरी मंदिर से कटरा शहर लौट रही थी। स्थानीय लोगों की मदद से सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया।
अधिकारियों ने कहा, “कल (रविवार) रात 8.10 बजे तक बचाव अभियान पूरा हो गया। घायलों को रियासी और जम्मू शहर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। तीर्थयात्रियों की पहचान की जा रही है, क्योंकि वे सभी जम्मू-कश्मीर के बाहर के हैं।
“घटनास्थल पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ का संयुक्त मुख्यालय स्थापित किया गया है और हमलावरों को पकड़ने के लिए बहुआयामी अभियान चलाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस कायराना हमले में शामिल आतंकवादी राजौरी, रियासी और पुंछ के ऊपरी इलाकों में छिपे हुए हैं।”
निर्दोष तीर्थयात्रियों पर हमले की व्यापक रूप से निंदा की गई है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने एक्स-पोस्ट पर कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्थिति का जायजा लिया है और मुझे लगातार स्थिति पर नज़र रखने को कहा है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें जल्द ही सज़ा दी जाएगी। माननीय प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल और सहायता प्रदान की जाए।"
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी रियासी में जमीनी हालात पर अपडेट जारी किया। एक्स पर एक पोस्ट उन्होंने कहा कि स्थानीय जम्मू-कश्मीर प्रशासन घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों पर इस हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने भी इसे "कायराना हमला" करार देते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों की मदद की अपील की है।
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