त्रिपुरा में रविवार से भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई तथा एक व्यक्ति लापता हो गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि भारी बारिश के कारण कम से कम 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।
मुख्यमंत्री माणिक साहा द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध के बाद राज्य में बचाव कार्यों में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं।
बुधवार को जारी की गई एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, ''त्रिपुरा में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। रविवार से भूस्खलन और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।''
इसमें कहा गया है कि पूर्वोत्तर राज्य में भूस्खलन की 1,900 से अधिक घटनाएं हुई हैं, जिससे सड़क संपर्क बाधित हो गया है। विज्ञप्ति में कहा गया कि पश्चिमी त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है।
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मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश.... ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), असम राइफल्स सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बल त्रिपुरा के प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार शाम मीडिया से कहा कि राज्य में बाढ़ 'अभूतपूर्व' है।
उन्होंने कहा, ''राज्य में अभूतपूर्व बाढ़ आई है। हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। जिलाधिकारियों को प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद मुहैया कराने के लिए कहा गया है।''
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वहीं बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि त्रिपुरा में भारी बारिश के कारण प्रभावित हुए परिवारों को तत्काल राहत प्रदान की जाए तथा उनका पुनर्वास किया जाए।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘त्रिपुरा में भारी बारिश के कारण बनी बाढ़ की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हूं, जहां कई लोगों की जान चली गई है और लगभग 5600 परिवारों ने राहत शिविरों में शरण ली है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारों को तत्काल राहत एवं पुनर्वास उपाय करने चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की अधिक टीमें तैनात की जानी चाहिए। भोजन और चिकित्सा सहायता तत्काल प्रदान की जानी चाहिए।’’
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘‘मेरी संवेदनाएं त्रिपुरा के हमारे भाइयों और बहनों के साथ हैं, जो लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण आई विनाशकारी बाढ़ के कारण राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।’’
उनका कहना था, ‘‘मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र और राज्य सरकारें बचाव और पुनर्वास प्रयासों में तेजी लाने और प्रभावित लोगों के लिए पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना को तत्काल लागू करें।’’
राहुल गांधी ने यह भी कहा था, ‘‘मैं कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे अपना हर संभव सहयोग दें। कृपया सभी लोग अपना ध्यान रखें। इस चुनौतीपूर्ण समय में हम आपके साथ खड़े हैं।’’
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