राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाने और इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के लौ में मिलाने पर मोदी सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसका औचित्य किसी की समझ से परे है।
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अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा, "अमर जवान ज्योति को बुझाकर दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य हर किसी की समझ से बाहर है। अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बंद करना शहादत का अपमान है।"
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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसा करना इतिहास बदलने की कोशिश है, लेकिन मोदी सरकार को समझना चाहिए कि इस तरह की कोशिशों से इतिहास नहीं बदल जाता, बल्कि महान काम करके एक सुनहरा इतिहास बनाना पड़ता है।"
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "अमर जवान ज्योति पाकिस्तान को दो भागों में बांटने वाले सैनिकों की याद में थी। इसे बुझाना और इसे 'विलय' का नाम देना उस प्रकाश की शुद्धता को कम करने का एक प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध की जीत के 50 साल पूरे होने पर इस तरह का कृत्य करना बेहद निंदनीय है।"
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