हालात

अशोक गहलोत ने राजस्थान को दी 19 नए जिलों की सौगात, जयपुर के चार तो जोधपुर के तीन भाग हुए

अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, कोटपुतली बहरोड़, खैरथल, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा 19 नए जिले बने और सीकर, पाली और बांसवाड़ा तीन नए संभाग होंगे।

नए जिलों की घोषणा के बाद विधानसभा में सदस्यों से मिलते अशोक गहलोत
नए जिलों की घोषणा के बाद विधानसभा में सदस्यों से मिलते अशोक गहलोत फोटो सौजन्यः राजस्थान सूचना एंव जनसंपर्क विभाग

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में 19 नए जिलों और तीन समभंगों के गठन की घोषणा की है। इस फैसले के बाद जयपुर से जहां चार नए जिले निकले हैं, वहीं जोधपुर भी तीन हिस्सों में बंट गया है। अलवर में भी दो नए जिले बनाए गए हैं। इसके अलावा संभागों का पुनर्गठन करते हुए राज्य में तीन नए संभाग बनाए गए हैं। इस फैसले के बाद राज्य में अब कुल 50 जिले हो गए हैं।

Published: undefined

जयपुर 4, तो जोधपुर 3 जिलों में बंटा

बेहतर प्रशासन के लिए बेहद अहम माने जा रहे इस फैसले के बाद जयपुर अब दूदू, कोटपूतली, जयपुर दक्षिण और जयपुर उत्तर जिलों में बंट गया है। वहीं जोधपुर में से भी जोधपर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और फलोदी 3 नए जिले बने हैं। इसके अलावा अलवर में 2 नए जिले- बहरोड और खैरथल बनाए गए हैं। जबकि अजमेर से कटकर केकड़ी एक नया जिला बना है। इसके अलावा सीकर के नीमकाथाना को भी जिला बनाया गया है।

Published: undefined

ये हैं प्रदेश के 19 नए जिले

आज के फैसले के बाद राज्य में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, कोटपुतली बहरोड़, खैरथल, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा 19 नए जिले बन गए हैं। इसके अलावा राज्य को तीन नए संभाग- सीकर, पाली और बांसवाड़ा की भी सौगात मिली है।

Published: undefined

बेहतर प्रशासन के लिए बड़ा कदम

प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने 14 साल के बाद प्रदेश को नए जिलों और संभागों की सौगात दी है। ये सभी बड़े जिलों में शामिल हुआ करते थे, जिन्हें काटकर ये नए जिले बनाए गए हैं। इसे बेहतर प्रशासनिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर प्रशासन के लिए छोटे जिले बेहतर होते हैं। इससे प्रशासनिक तौर पर सरकारों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। प्रदेश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही थी इसलिए नए जिलों की मांग लगातार बढ़ रही थी, जिस पर गहलोत सरकार ने अब मुहर लगा दी है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined