राजस्थान में गरीब मजदूरों को दर-दर की ठोकर खाना पड़ रहा है। दरअसल, निजी अस्पताल संचालकों ने आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना में मरीजों का कैशलेस इलाज करना लगभग बंद कर दिया है। जयपुर में दोनों योजनाओं में मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। खबरों के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों में योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन वहां बढ़ती वेटिंग से मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने से बच रहे हैं। खबरों के मुताबिक, चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के बाद से मरीजों को इलाज लेने में बाधा हो रही है।
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चिरंजवी योजना से जुड़े जयपुर के नीजि अस्पतालों ने सरकार बदलते ही इलाज लगभग पूरी तरह बंद कर दिया है। इसके पीछे निजी अस्पताल और नर्सिंगहोम्स सोसायटी का कहना है कि इलाज बंद होने के पीछे तीन कारण है।
पहला---निजी अस्पतालों का 400 करोड़ का पेमेंट अटका हुआ है।
दूसरा--योजना पर संशय बरकरार
तीसरा--सिस्टम में खराबी
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इससे पहले पूर्व सीएम गहलोत ने ट्वीट किया था और वर्तमान सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मीडिया के माध्यम से ये भी जानकारी में आया है कि चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों द्वारा इलाज नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सरकार को हमारी सरकार की योजनाओं को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे जनता को परेशानी ना हो और कोई नई व्यवस्था लागू होने तक पूर्ववत व्यवस्था चालू रखनी चाहिए।
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