सेनाध्यक्ष बिपिन रावत का कहना है कि बेशक पाकिस्तान ने बालाकोट कैंप में अपने आतंकियों को सक्रिय कर दिया है लेकिन वह उसे जम्मू-कश्मीर के माहौल का दुरुपयोग करने नहीं देंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आतंकियों के साथ ज्यादा देर तक लुकाछिपी का खेल नहीं चलेगा। यदि हमें नियंत्रण रेखा पार करनी पड़ेगी तो हम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के कई सबूत दिए हैं लेकिन वह अपनी सरजमीं पर उनकी मौजूदगी को मानने से इनकार करता रहा है।
Published: 30 Sep 2019, 10:17 AM IST
बिपिन रावत से जब पूछा गया कि बालाकोट में आतंकी फिर से सक्रिय हो गए हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार भारत 250, 300 या 500 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। यदि ऐसा है तो फरवरी में हुई एयर स्ट्रइक और सितंबर 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक से क्या हासिल हुआ। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि स्ट्राइक ने यह संदेश दिया है कि नियंत्रण रेखा को तब तक पार नहीं किया जाएगा जब तक कि दूसरी तरफ शांत है और वह माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं करता। पाकिस्तान आतंकियों को नियंत्रित करता है जो उसके प्रॉक्सी के तौर पर काम करते हैं। ज्यादा समय तक लुकाछिपी का खेल नहीं चलेगा। यदि हमें एलओसी पार करनी पड़ेगी तो हम करेंगे। चाहे हवा से या जमीन से या फिर दोनों से। रेड लाइन स्पष्ट तौर पर खींची गई है जो भविष्य की कार्रवाई को तय करेगा।
Published: 30 Sep 2019, 10:17 AM IST
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में जब जनरल रावत से पूछा गया कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को जिस तरह से आईएसआई और सेना के समर्थन मिल रहा है, उस बारे में आपकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि यह जुड़ा हुआ है। वह कहते रहते हैं कि हम आतंकियों का समर्थन नहीं करते जबकि भारत ने उन्हें बहुत सारे सबूत दिए हैं। पांच अगस्त के बाद (धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी करना) उन्होंने साफतौर पर नहीं कहा है कि कश्मीर में जिहाद करने के लिए चलो। यह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन करने की मौन स्वीकृति है। आप आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए रातोंरात ऐसी मशीनरी नहीं बना सकते हैं। यह हमेशा से रहा है। पाकिस्तान में आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर हैं। बेशक वह शिफ्ट होते रहते हैं। हमारे साथ प्रॉक्सी वॉर (छद्म युद्ध) करना पाकिस्तान की नीति है।
Published: 30 Sep 2019, 10:17 AM IST
पाकिस्तान अक्सर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देता रहता है। यूएनजीए में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने परमाणु युद्ध की बात कही थी। इसपर सेनाध्यक्ष ने कहा कि परमाणु हथियार निवारण का हथियार हैं। यह युद्ध लड़ने वाले हथियार नहीं हैं। मुझे यह समझ में नहीं आता जब कोई यह दावा करता है कि वह उसका इस्तेमाल पारंपरिक युद्ध में करेगा, या उस पर हमले की स्थिति में करेगा। क्या वैश्विक समुदाय आपको कभी भी इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजात देगा? पाकिस्तान के बयान रणनीतिक हथियारों के इस्तेमाल की अनुचित समझ को दिखाता है।
Published: 30 Sep 2019, 10:17 AM IST
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Published: 30 Sep 2019, 10:17 AM IST