आरे कॉलोनी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पेड़ों की कटाई रोकने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पेड़ों की कटाई को तुरंत रोका जाए और आगे कोई भी पेड़ ना काटा जाए।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले को चेक करेंगे और आगे अपनी बात कहेंगे। अदालत ने कहा है कि अगर ये गलत है तो गलत है, चाहे एक प्रतिशत ही क्यों ना हो। अदालत ने इस दौरान महाराष्ट्र सरकार से हलफनामा मांगा है और मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट इस दौरान आरे कॉलोनी के संवेदनशील क्षेत्र होने पर फैसला करेगा। अब इस मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
Published: 07 Oct 2019, 7:30 AM IST
राजीव रंजन नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने पेड़ों की कटाई के विरोध में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र भेजा था। शीर्ष अदालत ने उस पत्र को ही जनहित याचिका के रूप में बदलते हुए उस पर सुनवाई करने का फैसला किया और उसी के आधार पर विशेष पीठ गठित की।
Published: 07 Oct 2019, 7:30 AM IST
गौरतलब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए दायर चार याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने शनिवार को भी पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद आरे कॉलोनी में आधी रात में ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गयी थी। पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं।
Published: 07 Oct 2019, 7:30 AM IST
इस बीच मुंबई की एक अदालत ने रविवार को पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी। प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी करने और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में बाधा डालने के लिए गिरफ्तार किया गया था। डिंडोशी हॉलिडे कोर्ट ने 7 हजार रुपये के नकद बांड पर सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने कहा है कि उन्हें आगे की पूछताछ के लिए थाने जाना होगा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आईपीसी की कई धाराएं लगाई हैं।
Published: 07 Oct 2019, 7:30 AM IST
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Published: 07 Oct 2019, 7:30 AM IST