भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया। इसे सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया गया। इससे पहले भारत ने चंद्रयान-1 2008 में लॉन्च किया था। यह भी चांद पर पानी की खोज में निकला था।
Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST
इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि जीएसएलवी-एमके3 ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करा दिया। यह वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने के लिए दक्षिण ध्रुव के पास एक स्थान पर चांद की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है।
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राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, “चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। मैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपने देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिक एक विशेष प्रशंसा के पात्र हैं, उनकी उपलब्धि ने देश का गौरव बढ़ाया है।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर पूरे देश को गर्व है।”
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बधाई दी है। टीम इसरो ने चंद्रमा के लिए इस महत्वाकांक्षी और स्वदेशी मिशन के शुभारंभ के साथ भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। राष्ट्र को अपने वैज्ञानिकों और टीम इसरो पर बहुत गर्व है।
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कांग्रेस ने चंद्रयान 2 के सफल लॉन्च के लिए इसरो की टीम को बधाई दी है।
Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST
बता दें, 15 जुलाई 2019 को तकनीकी खराबी के कारण इसरो ने भारत की इस महत्वकांक्षी परियोजना की लॉन्चिंग टाल दी थी। इससे पहले जीएसएलवी-एमके3 के क्रायोजेनिक इंजन की हीलियम बॉटल में लीक के कारण भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन को रोकना पड़ा था। यान के प्रक्षेपण से केवल 56 मिनट इसकी जानकारी मिली थी और इसे लॉन्च करने से पहले रोकना पड़ा था।
Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST
भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 रोबोटिक अंतिरिक्ष खोज की दिशा में देश का पहला कदम है। चंद्रयान-2 करीब 6,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की परिक्रमा करते हुए खुद अपनी रफ्तार को कम और ज्यादा करने की क्षमता होगी और यह चांद के अपरिचित क्षेत्र में सुरक्षित उतर सकता है। यह पूरा कार्य 16 मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा।
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मिशन चंद्रयान-2 किसी खगोलीय पिंड पर उतरने का इसरो का पहला अभियान है और यह 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है। इसरो के अनुसार, इस अभियान का मकसद चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिए विस्तृत अध्ययन करना है। चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर पानी के प्रसार और मात्रा का अध्ययन करेगा। यह मौसम का अध्ययन करेगा। चंद्रमा की सतह में मौजूद खनिजों और रासायनिक तत्वों का अध्ययन के साथ चंद्रमा के बाहरी वातावरण का भी अध्ययन करेगा।
Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST
भारत मिशन चंद्रयान-2 की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में शामिल हो गया है। चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है, जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की। यह लागत हॉलीवुड की फिल्म ‘एवेंजर्स एंडगेम’ की लागत की आधी से भी कम है। इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST
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Published: 22 Jul 2019, 2:52 PM IST