बिहार में एक और पुल हादसा हुआ है। मोतिहारी में यह निर्माणाधीन प्रोजेक्ट था, जिसकी अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये के करीब बताई गई है। पूर्वी चंपारण के मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में इस पुल का निर्माण चल रहा था। ढलाई के दौरान ही पुल ढह गया। पुल की लंबाई करीब 50 फीट थी।
राज्य में एक हफ्ते के भीतर तीसरा पुल ढह गया है। इससे पहले अररिया और सीवान में भी पुल गिर चुके हैं। सीवान में कल पुल गिर गया था। महाराजगंज-दरोंदा विधानसभा के बॉर्डर को जोड़ने वाला पुल भरभराकर ढेर गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि बिना बारिश के पुल इस तरह कमजोर होकर गिर गया, यह हैरान करने वाली बात है। इस बार न आंधी आई और न ही बारिश हुई, फिर भी महाराजगंज क्षेत्र के पटेढी-गरौली को जोड़ने वाला नहर पर बना पुल धराशाई हो गया।
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हादसे पर डीएम ने कहा कि नहर से पानी छोड़े जाने से खंभे ढह गए। यह पुल दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक के गांवों को जोड़ने वाली नहर पर बना था। गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
दरौंदा बीडीओ सूर्य प्रताप सिंह के मुताबिक, स्थानीय लोगों का दावा है कि पुल का निर्माण 1991 में तत्कालीन महाराजगंज विधायक उमा शंकर सिंह के योगदान से किया गया था। 20 फीट इस लंबे पुल का निर्माण विधायक निधि किया गया था।
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इससे पहले मंगलवार को अररिया में करीब 180 मीटर लंबा एक नवनिर्मित पुल ढह गया। अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर यह पुल बना था। पुल का उद्घाटन किया जाना अभी बाकी था। उद्घाटन से पहले ही पुल ढह गया। सिकटी प्रखंड स्थित बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत पुल का निर्माण किया गया था।
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