तेलंगाना में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे हर दिन के साथ सीएम चंद्रशेखर राव को नया झटका लग रहा है। रविवार को एक बार फिर सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के कद्दावर नेता और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने आज सुबह राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ अहम बैठक की। बैठक के तुरंत बाद उन्होंने बीआरएस से इस्तीफा दे दिया। नारायण रेड्डी और उनके समर्थकों के जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने की उम्मीद है। कथित तौर पर एमएलसी को कलवाकुर्ती विधानसभा से कांग्रेस टिकट का आश्वासन दिया गया है।
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उनके पार्टी में शामिल होने से महबूबनगर जिले में कांग्रेस को मजबूती मिलने की संभावना है। नारायण रेड्डी ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को इस्तीफा भेज दिया है। जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस शासन के तहत तेलंगाना में विकास होगा। उन्होंने लिखा, "कांग्रेस और सोनिया गांधी द्वारा घोषित छह गारंटियों ने मुझे उम्मीद दी है कि तेलंगाना के लोग कांग्रेस के माध्यम से विकास देखेंगे।" एमएलसी ने अपने पत्र में जिक्र किया कि सोनिया गांधी ने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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नारायण रेड्डी का इस्तीफा बीआरएस के लिए 10 दिनों में दूसरा बड़ा झटका है। वरिष्ठ नेता और विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव ने 22 सितंबर को बीआरएस से इस्तीफा दे दिया था। वह इसलिए नाराज थे क्योंकि पार्टी ने उनके बेटे रोहित राव को टिकट नहीं दिया था। हनुमंत राव और उनके बेटे 28 सितंबर को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया है।
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