चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में उपचुनाव की घोषणा की, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए निर्वाचित होने की कोशिश करेंगी। लेकिन इसके साथ ही बीजेपी को एक और झटका लगा है और बीजेपी का एक और विधायक भगवा पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया। शनिवार को एक और विधायक के तृणमूल खेमे में शामिल होने के बाद अब भगवा पार्टी से विधायकों के पार्टी छोड़ने और टीएमसी में शामिल होने वालों की संख्या चार हो गई।
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कालियागंज के विधायक सौमेन रॉय शनिवार को राज्यमंत्री और पार्टी नेता पार्थ चटर्जी की मौजूदगी में कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। रॉय ने पार्टी में अपनी वापसी को सही ठहराते हुए कहा, "मुझे कुछ परिस्थितियों के कारण कालियागंज से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना पड़ा। लेकिन मेरी आत्मा और दिल तृणमूल से ही जुड़े हैं। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयासों का समर्थन करने के लिए फिर से पार्टी में शामिल हुआ हूं। मैं उस समय के लिए पार्टी से माफी मांगता हूं, जब मैं उसके साथ नहीं था।"
ध्यान रहे कि बीते एक सप्ताह में बीजेपी के दो अन्य विधायक बांकुरा जिले के विष्णुपुर से तन्मय घोष और उत्तर 24 परगना जिले के बगदा से बिस्वजीत दास तृणमूल में शामिल हुए। तृणमूल में शामिल होने वाले पहले बीजेपी विधायक मुकुल रॉय थे, जो पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। उन्होंने कृष्णानगर उत्तर से चुनाव जीता था।
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इससे पहले रॉय ने 2017 में तृणमूल को छोड़ दिया था और भगवा खेमे में शामिल हो गए थे। अन्य तीन विधायक इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में जाने से पहले सत्ताधारी पार्टी में थे। जब से तृणमूल ने पश्चिम बंगाल चुनावों में जीत हासिल की है, कई नेता, जो विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल खेमे से भाजपा में चले गए थे, पार्टी में फिर से लौट आए हैं।
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