त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी विधायक और वयोवृद्ध आदिवासी नेता बरबा मोहन त्रिपुरा ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और उनके आदिवासी आधारित पार्टी टीआईपीआरए (टिपरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन) में शामिल होने की संभावना है। खबरों की मानें तो 67 साल के विधायक ने टीआईपीआरए पार्टी प्रमुख और पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन के साथ अपना इस्तीफा त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती को सौंपा।
देब बर्मन ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि, बुरबा मोहन त्रिपुरा बीजेपी की एक वरिष्ठ नेता गौरी शंकर रियांग के साथ आज उनकी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, जो त्रिपुरा विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं। आपको बता दें, बरबा मोहन त्रिपुर 2018 के चुनाव में दक्षिणी त्रिपुरा के गोमती जिले में आदिवासी आरक्षित सीट कारबुक से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे।
बरबा मोहन त्रिपुरा पिछले साल से विधानसभा छोड़ने वाले चौथे बीजेपी विधायक हैं। इससे पहले आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा ने भी पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी। देब ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों के बाद 14 मई को शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। दास पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए और इस साल मई में पार्टी छोड़ दी, जबकि रॉय बर्मन, जो बीजेपी के पूर्व मंत्री भी थे और साहा इस साल फरवरी में कांग्रेस में शामिल हो गए।
राय बर्मन जून में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर छठी बार राज्य विधानसभा के लिए फिर से चुने गए। इस बीच, बीजेपी के सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के विधायक बृशकेतु देबबर्मा ने भी पिछले साल जून में विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और टीआईपीआरए में शामिल हो गए, जिससे पार्टी (आईपीएफटी) की ताकत सात हो गई।
बरबा मोहन के इस्तीफे के बाद, 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में बीजेपी की ताकत घटकर 35 हो गई है।
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