सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी को उनके 'अधूरे वादों' की याद दिलाई और चेतावनी दी कि अगर इन पर 2 अक्टूबर तक अमल नहीं किया गया तो वह एक नया प्रदर्शन शुरू करेंगे। हजारे ने कहा कि बीते चार वर्षो में उन्होंने कई बार मोदी को पत्र लिखा, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने नई दिल्ली में मार्च में एक सप्ताह तक भूख हड़ताल के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिह को केंद्र द्वारा किए गए सात बड़े अपूर्ण या आंशिक रूप से पूरे किए गए वादों की सूची दी थी। यह स्वीकार करते हुए कि कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुख्य मुद्दे को मान लिया गया है, उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि विभाग के हस्तक्षेप के कारण राज्य कृषि मूल्य आयोग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में बहुत ज्यादा कटौती की गई है।
कृषि मूल्य आयोग की 'स्वायतत्ता' के वादे को लागू करने की मांग करते हुए हजारे ने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को फसल के वास्तविक लागत के आधार पर एमएसपी मिले।
हजारे ने कहा, "सरकार ने आश्वासन दिया था कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसानों को प्रतिमाह 5,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी, जिसके लिए एक समिति बनाई जानी थी और इसके प्रस्तावों का पालन किया जाना था।"
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हजारे ने लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति पर कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने भी सरकार को लोकपाल, लोकायुक्त मामले में फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर सरकार को 10 दिनों के अंदर शपथपत्र दाखिल करने के लिए कहा है। अगर सरकार इन निर्देशों का पालन नहीं करेगी तो यह सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी।"
हजारे ने कहा, "उपवास तोड़ने के बाद, मैंने इन सभी मुद्दों को दो बार याद दिलाया है। यह तीसरी बार है। अगर 2 अक्टूबर तक इन्हें लागू नहीं किया गया तो मैं अपने गांव में प्रदर्शन शुरू करने पर बाध्य हो जाऊंगा।"
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