हालात

गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश से सिख किसानों को बेदखल करने पर पंजाब में उबाल, दलों के साथ सिख संस्थाएं भी नाराज

विभाजन के वक्त पाकिस्तान से आकर उत्तर प्रदेश के बिजनौर, रामपुर और लखीमपुर खीरी के इलाकों में बसे और किसानी करने वाले 1000 से ज्यादा सिख परिवारों को अब योगी सरकार की नजर लग गई है। बीजेपी सरकार आर्म्ड फोर्स सेंटर बनाने के लिए इन्हें यहां से बेदखल कर रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सैकड़ों पंजाबी किसानों को उजाड़ने और जमीनों से बेदखल करने के मामले को लेकर पंजाब में सियासत बेहद गर्मा गई है। बीजेपी की गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) ने इसका विरोध करते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। बादलों की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल ने फोन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना कड़ा एतराज जताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए समय मांगा है।

यह मामला मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर, रामपुर और लखीमपुर खीरी से जुड़ा हुआ है। इन जिलों में कई सिख परिवार 70 वर्षों से रह रहे हैं और खेती भी करते हैं। ये सभी विभाजन के वक्त पाकिस्तान से सीधे इन जिलों में पहुंचे थे। तब यह इलाका सूना, बियाबान और जंगली था। सिख किसानों ने दिन-रात की मेहनत के बाद इस इलाके को साफ किया, खेती और रहने लायक बनाया। इस तरह 1000 से ज्यादा परिवार स्थायी तौर पर बिजनौर, रामपुर और लखीमपुर खीरी में बस गए। इसके बाद 1980 में चकबंदी हुई तो 20 साला कब्जे के आधार पर उन्हें जमीनों की मिल्कियत भी मिल गई।

Published: undefined

इन सिखों के साथ शुरू से ही सब ठीक चल रहा था, लेकिन अब योगी सरकार की नजर लग गई। योगी सरकार इन हिस्सों की जमीन आर्म्ड फोर्स सेंटर बनाने के लिए अधिग्रहित कर रही है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सिख संगठन के प्रधान जसवीर सिंह विर्क ने फोन पर बताया कि बिजनौर जिले की तहसील नगीना के गांव चंपतपुरा में 300 परिवार रहते हैं और सभी सिख हैं और किसानी करते हैं। इस गांव में पिछले दिनों जेसीबी मशीनें लेकर पुलिस पहुंची। किसान परिवार विरोध स्वरूप इन मशीनों के आगे लेट गए तो पुलिस और अधिग्रहण करने आए अधिकारी लौट गए। लेकिन कुछ दिन के बाद वह फिर आए और गन्ने की कई एकड़ में खड़ी फसल तबाह कर दी।

इसी तरह गांव रणनगर में हुआ। यहां भी 70 साल से 300 के करीब सिख परिवार रह रहे हैं और खेती करते हैं। भारी पुलिस फोर्स जेसीबी मशीनों के साथ इस गांव में पहुंची तो चंपलपुरा की मानिंद विरोध किया गया। बूढ़े, जवान, महिलाएं और बच्चे सभी मशीनों के आगे लेट गए और पुलिस फोर्स को वापस लौटना पड़ा। लेकिन पुलिस ने 285 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।

Published: undefined

बिजनौर जिले के 15 से ज्यादा गांवों पर बेदखली और बर्बादी की तलवार लटक रही है। इन्हें बगैर किसी नोटिस और मुआवजे के सीधे बेदखल किया जा रहा है। 15 जून को सबसे बड़े पंजाबी अखबार 'अजीत' ने प्रथम पृष्ठ पर इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट छापी तो पंजाब में चौतरफा हंगामा हो गया। बीजेपी के साझीदार शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आनन-फानन में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर इस मामले पर एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल और प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा को शामिल किया है।

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह चंदूमाजरा के अनुसार, "हम उत्तर प्रदेश के सिख किसानों की जमीनें बचाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ेंगे। यूपी में वहां की पुलिस उन पर जुल्म ढा रही है। यह मामला शिरोमणि अकाली दल विस्तार से प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगे उठाएगा। इन सबसे मिलने के लिए समय मांगा गया है। सरासर नाइंसाफी हो रही है।"

Published: undefined

आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब प्रमुख और सांसद भगवंत मान ने भी उत्तर प्रदेश में सिख किसानों को बेदखल करने का तीखा विरोध करते हुए बीजेपी के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल को भी घेरा है। मान के मुताबिक, पंजाब से संबंधित पंजाबी केंद्रीय मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल, सोम प्रकाश और हरदीप सिंह पुरी को सत्ता का मोह त्याग कर पीड़ित किसान परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए। ये सभी मंत्री खुलकर इस प्रकरण पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष अपने रोष का इजहार करें।

भगवंत मान कहते हैं कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र और राज्य सरकारें एक के बाद एक किसान विरोधी फैसले कर रही हैं। किसानों को बर्बाद किया जा रहा है, लेकिन सत्ता सुख के लिए शिरोमणि अकाली दल एक हद से ज्यादा जुबान नहीं खोलता। आज जो उत्तर प्रदेश में हो रहा है, ठीक वैसा ही गुजरात के कच्छ में सिख किसानों के साथ हो चुका है।

Published: undefined

उत्तर प्रदेश में सिख किसानों को बेदखल करने के मामले में सर्वोच्च सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी हस्तक्षेप किया है। एसजीपीसी ने संपूर्ण प्रकरण की अपने तौर पर जांच करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने यूपी सरकार की तीखी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से फौरी दखल की मांग की है। वह कहते हैं, "सिखों से इस तरह जमीन हथियाने की योगी सरकार की कारगुजारी यूपी के सिखों में बेगानगी का एहसास पैदा कर रही है।"

एसजीपीसी मुखिया के तेवर बताते हैं कि इस पूरे प्रकरण को वह 'अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता' का बाना पहनाने की कवायद में हैं। पंथक सूत्रों के मुताबिक श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी इस प्रकरण पर शीघ्र ब्यान देंगे। प्रमुख निहंग जत्थेबंदी बुड्डा दल के मुखिया बाबा बलबीर सिंह ने भी इस प्रकरण का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि मामला हल न हुआ तो निहंग पूरे दलबल के साथ लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेंगे।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया