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राकेश टिकैत के रोने से किसानों में रोष, घर पर उमड़ा जनसमूह, कल मुजफ्फरनगर में महापंचायत

मुजफ्फरनगर के सिसौली में किसानों की पंचायत अभी-अभी समाप्त हुई है। पंचायत में किसानों ने कहा कि आज राकेश टिकैत नही रोया बल्कि पूरी किसान कौम रोई है। यह तय हुआ है कि कल मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान पर महापंचायत होगी और एक लाख किसान गिरफ्तारी देगा।

फोटोः @Saurabh_Unmute
फोटोः @Saurabh_Unmute 

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मुख्य चेहरा बन राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसानों में सहानभूति की लहर दौड़ गई है। किसानों की राजधानी कही जाने वाली सिसौली में हजारों किसानों ने पंचायत की है। राकेश टिकैत के बड़े भाई और खाप चौधरी नरेश टिकैत ने कल मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई है। इसके अलावा नरेश टिकैत ने ऐलान किया कि जो किसान जहां भी हैं वो वहीं टेंट गाड़कर बैठ जाए और जो गाजीपुर के नजदीक है वो धरना स्थल पर पहुंचे।

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किसानों के बीच के जाटलैंड कहे जाने वाले इस इलाके में जबरदस्त हलचल है। नरेश टिकैत ने ऐलान किया है कि अब हमने लकीर खींच दी है। जो किसानों के साथ है, हम उसके साथ रहेंगे। नरेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि वो अपने भाई राकेश टिकैत और किसानों के साथ खड़े हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को फोन करके राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह ने भी हिम्मत दी है। चौधरी अजित सिंह ने कहा कि वो बिल्कुल न घबराएं और दिल छोटा न करें। हम उनके साथ हैं। मुजफ्फरनगर के कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक ने भी हर मुश्किल में राकेश टिकैत के साथ खड़े होने का ऐलान कर दिया है।

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बता दें कि ये परिस्थिति 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रेक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई के बाद पैदा हुई है। किसान संगठनों का कहना है कि यह हिंसा सरकारी तंत्र ने कुत्सित षड्यन्त के तहत कराई है। जिससे किसान आंदोलन की जड़े खोखली की जा सके। कई बड़े किसान नेताओ के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज किया गया है। राकेश टिकैत भी उनमें से एक हैं। वो गाजीपुर बॉर्डर पर धरनारत हैं, जहां आज भारी संख्या में पुलिस बल धरना स्थल पर पहुंचा है। यहां की बिजली और पानी काट दी गई है। राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि जब तक उनके सिसौली से पानी नहीं आएगा वो जल ग्रहण नहीं करेंगे।

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गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ सिसौली में जबरदस्त रोष फैल गया है। कुछ घंटों में ही नरेश टिकैत की भी भाषा बदल गई है। आज सायं उन्होंने कहा था कि पुलिस की ज्यादती से बचने के लिए किसान अब अपना धरना समाप्त कर दें, मगर राकेश टिकैत के आत्महत्या की बात कहने और रोने के बाद नरेश टिकैत ने बेहद सख्त रुख अपना लिया है।

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सिसौली की पंचायत में उनके घर पहुंचे आरएलडी के महासचिव सुधीर भारतीय ने हमें बताया कि हजारों लोगों में बेहद गुस्सा भरा हुआ है। सरकार तानाशाही कर रही है। वो कानून वापस लेने की बजाय किसानों के विरोध को कुचल रही है। यह किसी भी तरह से लोकतांत्रिक नहीं है। दिल्ली में किसानों के विरुद्ध षड़यत्र करते हुए हिंसा कराई गई है। इस बात को सब समझ गए हैं।

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बागपत के किसान नेता और पूर्व मंत्री कुलदीप उज्ज्वल ने भी खाप चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के आह्वान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि यह लड़ाई पूरी तरह किसानों की लड़ाई है। उनके जमीन की लड़ाई है। ताकत के दम पर आंदोलन को कुचलने की कोशिश हो रही है। हम सब देख रहे हैं और हम लड़ाई जारी रखेंगे। हम सरकारी तंत्र के सामने घुटने नहीं टेकने वाले हैं।

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