आंध्र प्रदेश के प्रतिष्ठित जिन्ना टॉवर को राष्ट्रीय तिरंगे में रंगा गया है। ये टावर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के सम्मान में नामित किए जाने के कारण लंबे समय से विवादों में घिरा रहा है। सांप्रदायिक पिच को बढ़ाने के प्रयासों को दबाने के लिए गुंटूर नगर निगम ने मंगलवार को संरचना को भारतीय ध्वज के रंगों में रंग दिया और संरचना के चारों ओर लोहे की बाड़ लगाई।
Published: 02 Feb 2022, 12:54 PM IST
हिंदू संगठनों और भाजपा द्वारा बार-बार टावर का नाम बदलने या इसे ध्वस्त करने की मांग की गई है। इस तरह का नया प्रयास इस वर्ष 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर किया गया था, जब लोगों के एक समूह ने टॉवर पर धावा बोलने और उसके ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश की थी। भाजपा की राज्य यूनिट ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में टावर का नाम बदलने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
Published: 02 Feb 2022, 12:54 PM IST
जीएमसी के मेयर कवती मनोहर नायडू ने कहा कि टावर स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है और यही कारण है कि इसे तिरंगे में रंगा गया है। उन्होंने याद किया कि टावर का नाम बदलने के प्रस्ताव को जीएमसी ने 1966 में खारिज कर दिया था।
Published: 02 Feb 2022, 12:54 PM IST
गुंटूर पूर्व के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि कई समूहों के अनुरोध के बाद टावर को राष्ट्रीय रंग में रंगने का कदम उठाया गया था। उन्होंने कहा कि टावर के आसपास राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी व्यवस्था की गयी है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 02 Feb 2022, 12:54 PM IST
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Published: 02 Feb 2022, 12:54 PM IST