छत्तीसगढ़ में प्रतिभाशाली गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों की तकदीर बदलने की कवायद चल रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय योजना के तहत आवासीय विद्यालय शुरू करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत चार आवासीय विद्यालय शुरू होंगे, जिसमें दो हजार छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा एवं कोचिंग का लाभ मिलेगा। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि राज्य के अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय योजना के तहत आगामी वित्तीय सत्र 2023-24 में चार नवीन प्रयास आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे।
इस योजना के तहत प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के बालकों के लिए 500 सीटर, बालिकाओं के लिए 500 सीटर तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों के लिए 500 सीटर और इन वर्गों की छात्राओं के लिए 500 सीटर इस प्रकार कुल 2000 सीटर क्षमता के चार आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे।
इस योजना के तहत प्रत्येक आवासीय विद्यालय में कक्षा नवमीं में 125-125 छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। इन चार प्रयास आवासीय विद्यालयों के प्रारंभ हो जाने से कुल 2000 छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा एवं कोचिंग का लाभ मिलेगा।
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आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं को 9वीं से बारहवीं तक के अध्यापन की नि:शुल्क व्यवस्था होगी। साथ ही विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे पीएमटी, पीईटी, एनएसटीई, जेईई मेन व एडवांस, एम्स, नीट, सीए व सीएस, क्लेट, एनडीए आदि की भी नि:शुल्क कोचिंग प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार नवीन प्रयास विद्यालयों के प्रारंभ हो जाने से संबंधित संवर्ग के कुल 2000 छात्र-छात्राओं को स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय योजना का लाभ मिलेगा।
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