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प्रतिष्ठा की सीट बनी अमृतसर में ‘बाहरी’ केंद्रीय मंत्री को झटका लगने के आसार, ज़मीनी कांग्रेस प्रत्याशी का दावा मज़बूत

अमृतसर के लाहौरी गेट इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि वह उन्हीं में से एक हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी, अरुण जेटली की तरह हैं जो चुनाव के बाद फिर कभी नहीं दिखाई देंगे। 

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी अमृतसर में अपने ‘बाहरी’ व्यक्ति होने के चुनाव ‘टैग’, मतदाता की उदासीनता और स्थानीय पार्टी इकाई में आंतरिक कलह से जूझ रहे हैं। साल 2014 में बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली और पंजाब कांग्रेस के कप्तान अमरिंदर सिंह के बीच हुए हाई-प्रोफाइल मुकाबले के विपरीत, इस बार अमृतसर में चुनावी मुकाबले को लेकर इतना कुछ नहीं बोला जा रहा है।

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हरदीप सिंह पुरी का मुकाबला कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला से है, जो एक अपेक्षाकृत कनिष्ठ नेता हैं, अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2017 में अमृतसर सीट पर हुए उपचुनाव में गुरजीत सिंह औजला ने जीत दर्ज की थी। औजला चुनावी भाषणों में अमृतसर के लोगों के साथ अपने स्थानीय संपर्क की बात जरूर उठाते हैं। औजला दो साल पहले सांसद चुने गए थे। इससे पहले वह सिर्फ एक पार्षद थे।

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शुक्रवार दोपहर को शहर के बीचो-बीच लाहौरी गेट इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए औजला ने कहा था कि वह उन्हीं में से एक हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी जेटली की तरह चुनाव के बाद फिर कभी नहीं दिखाई देंगे। उन्होंने जनसभा में लोगों से कहा, “मैं यहां आपके साथ हूं। आपने मुझे देखा है, आप मुझे जानते हैं। मैं संसद में आप लोगों की लड़ाई लंड़ूगा।”

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फतेहगढ़ साहेब के सांसद हरिंदर सिंह खालसा आम आदमी पार्टी (आप) को छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने के बाद हरदीप सिंह पुरी के साथ मजबूती से खड़े हैं। हरदीप सिंह पुरी के एक आईएफएस बैचमेट, बाहर से आए हुए केंद्रीय मंत्री के कई अन्य समर्थकों के साथ अमृतसर में डेरा डाले हुए हैं। पार्टी की राज्य इकाई के स्थानीय मंडल में आंतरिक कलह और केंद्रीय मंत्री के खिलाफ जाने वाले कारकों के बारे में चिंतित हैं।

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बीजेपी की सहयोगी अकाली दल से समर्थन गायब है। रतन सिंह अजनाला जैसे नेताओं के टकसाली समूह के टूट जाने के बाद, अजनाला के विधानसभा क्षेत्र में पुरी के लिए समर्थन (अमृतसर लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्रों में से एक) मिलने की उम्मीद है। औजला के खिलाफ बड़े अंतर से उपचुनाव हारे बीजेपी नेता राजेंद्र मोहन सिंह और अमृतसर उत्तर में स्थानीय नेता श्वेत मलिक और अनिल जोशी के बीच मतभेद चल रहे हैं। हालांकि पुरी के समर्थक बाहरी होने के टैग से यह कहकर मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं कि 'गुरु की नगरी' अमृतसर में कोई भी व्यक्ति बाहरी नहीं है।

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