भारत की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में बीते रविवार लाठी-डंडों से लैस करीब 50 नकाबपोश बदमाशों ने छात्रों व शिक्षकों पर हमला कर दिया। हमलावरों में लड़कियां भी शामिल थीं। आरोपियों ने हॉस्टल में तोड़फोड़ की और वहां खड़ी कारों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हमले में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष बुरी तरह घायल हो गईं। हमले में कुल 24 लोग घायल हैं। इनमें 5 शिक्षक और 19 छात्र हैं। वहीं इस हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर #jnuviolence और #JNUattack ट्रेंड कर रहा है।
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक पुराना बयान भी काफी शेयर किया जा रहा है। दरअसल गृहमंत्री ने अपने एक बयान में कहा था कि, “टुकड़े-टुकड़े गैंग को दंड देने का वक्त आ गया है।” लोग उनके इस बयान को जेएनयू में हुए हिंसा से जोड़ कर देख रह हैं। लोग अमित शाह के बयान को ट्विटर पर शेयर कर इस घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एक ट्विटर यूजर खुर्शीद अहमद @KhursheedAhmedA ने अखबार में छपे अमित शाह के पुराने बयान को शेयर किया है। साथ ही उन्होंने लिखा, “क्या गृहमंत्री अमित शाह अपने पद पर बने रहने के लायक हैं? जेएनयू में इस अशांति के लिए वे पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।”
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
गौरतलब है कि अमित शाह ने दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “जनता को गुमराह कर दिल्ली का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। अब टुकड़े-टुकड़े गैंग को सजा देने का वक्त आ गया है। दिल्लीवासियों को उन्हें सजा देनी चाहिए।” उन्होंने नागरिकता कानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने भ्रम फैलाया है।
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद इस घटना की हर कोई निंदा कर रहा है। जिस तरह से कैंपस के भीतर हिंसा हुई उसके बाद दिल्ली पुलिस भी निशाने पर है और तमाम छात्र दिल्ली पुलिस पर जमकर हमला बोल रहे हैं। यहां तक दिल्ली पुलिस के वकील ने भी कैंपस के भीतर हुई हिंसा की आलोचना की है। दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस का वकील हूं, लेकिन इस घटना के बाद मेरा सिर शर्म से झुक गया है। तमाम वीडियो में जिस तरह से देखा जा सकता है कि गुंडे कैंपस के भीतर घुस रहे हैं और यहां तोड़फोड़ कर रहे हैं, लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं और आराम से उत्पात मचाने के बाद यूनिवर्सिटी के बाहर निकल जाते हैं, आखिर में हमारी दिल्ली पुलिस कहां थी उस वक्त।
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
वहीं जेएनयू हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “यह बहुत ही परेशान करने वाला है, यह लोकतंत्र पर हमला है। जो कोई भी उनके खिलाफ बोलता है, उसे पाकिस्तानी और देश का दुश्मन करार दिया जाता है। हमने इससे पहले देश में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी।”
सीएम ममता ने कहा, “दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के अधीन है। एक तरफ उन्होंने बीजेपी के गुंडों को भेजा और दूसरी तरफ पुलिस को निष्क्रिय कर दिया। पुलिस क्या कर सकती है, अगर उनको उच्च प्राधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए हैं। यह फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक है।”
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “JNU में जिस तरह नकाबपोश अपराधियों ने छात्रों और अध्यापकों पर हिंसक हमला किया है वो बेहद निंदनीय है। इस विषय में तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।”
Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST
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Published: 06 Jan 2020, 1:40 PM IST