महिला सम्मान को लेकर केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि सरकार की महिला मंत्री कह रही हैं कि विदेश राज्यमंत्री एम जे एकबर पर लगे आरोपों का संज्ञान लिया जाएगा और महिलाओं को इंसाफ दिलाया जाएगा, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का बयान है कि देखना पड़ेगा कि ‘आरोप सही हैं या गलत।’
मोदी सरकार के विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि, “एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न के जो आरोप लगे हैं कि उनकी जांच की जाएगी। लेकिन उन पर लगे आरोपों की सत्यता की भी जांच होगी।“ उन्होंने कहा कि, “देखना पड़ेगा यह सच है या गलत। हमें आरोपों और जिसने आरोप लगाया है उसकी सत्यता जांचनी होगी। आप मेरे का नाम का इस्तेमाल कर कुछ भी पोस्ट कर सकते हैं।” लेकिन उन्होंने कहा कि इस पर जरूर सोचेंगे।
गौरतलब है कि हैशटैग मीटू कैंपेन के तहत कई महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। अमित शाह ने कहा कि, ”सोशल मीडिया अविश्वसनीय आरोपों के लिए एक मंच हो सकता है। चाहे ये आरोप कितने ही पुराने क्यों ना हों। मगर एम जे अकबर को लेकर विवाद ने बीजेपी को डराने का काम किया है। क्योंकि मोदी सरकार ने महिलाओं के पक्ष में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।”
इस बीच एक और महिला ने एमजे अकबर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। माजली डी पुय कैम्प ने बताया कि साल 2007 में एशियन एज में इंटर्नशिप के आखिरी दिन एमजे अकबर ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि इंटर्नशिप के दौरान उनका एक महत्वपूर्ण काम यह था कि अगले दिन पेपर छपने से पहले इसका फ्रंट पेज उन्हें दिखाना होता था। तब अकबर 56 साल के थे और माजली डी पुय कैम्प 18 वर्ष की थीं।
उन्होंने एक मेल के जरिए बताया कि ‘एमजे अकबर ने जो मेरे साथ किया वो बहुत घृणित था। उन्होंने मेरी सीमाओं का उल्लंघन किया, मेरे भरोसे और माता-पिता को धोखा दिया।’ ऐसा इसलिए है क्योंकि माजली डी पुय कैम्प की एमजे अकबर से मुलाकात उनके माता-पिता ने ही कराई थी। उस बुरे दिन को याद करते हुए डी पुय कहती हैं, उन्होंने मुझे मेरे कंधों के नीचे पकड़ लिया और मुझे अपनी ओर खींच लिया। मेरे मुंह पर चूमा और जबरन अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी।
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ध्यान रहे कि शुक्रवार को ही केंद्रीय महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और इसके लिए एक कमेटी बनाकर सभी आरोपों का संज्ञान लेते हुए जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कमेटी में न्याय विभाग के वरिष्ठ लोगों को शामिल किया जाएगा।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसी हर शिकायत के पीछे के दर्द पर भरोसा करती हैं और उन सभी मामलों पर भरोसा करती हैं। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मीटु अभियान के तहत आने वाले सभी मामलों की जांच के लिए मैंने एक कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सीनियर न्यायिक अधिकारी और कानून के जानकार शामिल होंगे।'
यौन शोषण की शिकायतों से निपटने के सभी तरीकों और इससे जुड़े कानूनी और संस्थागत फ्रेमवर्क तैयार करने में यह कमिटी मदद करेगी। बहुत सी महिलाएं मीटु अभियान के तहत सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए बर्ताव के बारे में लिख रही हैं।
इससे पहले मेनका गांधी ने कहा था कि किसी के भी खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह बात उन्होंने उस समय कही थी जब केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर लगे आरोपों पर उनसे सवाल पूछा गया था। गांधी ने मंगलवार को कहा था कि ताकतवार होने के बाद पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं। यह मीडिया के साथ राजनीति और प्राइवेट कंपनियों पर भी लागू होता है। जब महिला ने इस पर मुखरता से बोलना शुरू कर दिया है तो इन आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
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