NEET UG 2024 और दिव्यांगता कोटे के तहत चयनित विवादास्पद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवाद के बीच यूपीएससी एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। परीक्षा में धांधली रोकने के लिए यूपीएससी अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला है। इसमें आधार फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, उम्मीदवारों के चेहरे की पहचान और लाइव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित सीसीटीवी निगरानी शामिल है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), फेशियक रिकॉग्निशन जैसी तकनीकें शामिल हो सकती हैं।
यूपीएससी की यह योजना नीट-यूजी परीक्षा सहित राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के परीक्षा कराने के तरीकों पर सवाल खड़े होने के बाद आई है।
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जानकारी के अनुसार, यूपीएससी परीक्षाओं के दौरान टेक्नोलॉजी सर्विस के लिए पीएसयू से संपर्क में है। आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई निविदा में जिन सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है। उनमें आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (अन्यथा डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग), ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग, और लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवा और उम्मीदवारों के चेहरे की पहचान शामिल है।
बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) सहित, यूपीएससी भारत सरकार के समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ पदों पर भर्ती के लिए भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कारों के साथ-साथ एक वर्ष में 14 परीक्षाएं आयोजित करता है।
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