लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच तापमान का ग्राफ भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अप्रैल की शुरुआत से ही देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। कई राज्यों में तो पारा अभी से 35 के पार पहुंच गया है। सोमवार को ही भारत मौसम विज्ञान विभाग जून तक प्रचंड गर्मी की संभावना जता चुका है। वहीं, आगामी पांच दिनों के दौरान महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के कुछ हिस्सों में तापमान में भारी इजाफा देखा जा सकता है, जिससे झुलसाने वाली गर्मी पड़ेगी।
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मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 1 से 2 अप्रैल तक मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, ओडिशा में पारा 40 से 42 डिग्री तक पहुंच सकता है। जबकि, 2 से 3 अप्रैल के बीच केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में तापमान 37- 39 डिग्री रहने की संभावना है। वहीं 1 से 5 अप्रैल के बीच उत्तरी कर्नाटक में 36 डिग्री, 3 से 5 अप्रैल तक रायलसीमा, पूर्वी मध्य प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल में 41-42 डिग्री और 4 से 5 अप्रैल के बीच विदर्भ और झारखंड में 39-41 डिग्री तापमान रहने की आशंका है।
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इसके अलावा 4 अप्रैल से उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में तापमान 37 डिग्री से ऊपर जा सकता है। वहीं, 5 अप्रैल से उत्तर पश्चिम भारत, गुजरात, आंध्र प्रदेश में पारा 38 डिग्री से ऊपर रहने की संभावना है। ऐसे में साफ है कि देश में आम चुनाव के दौरान भीषण गर्मी कहर बरपाएगी। क्योंकि देश में 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरण में चुनाव होने हैं। ऐसे में भीषण गर्मी में ही उम्मीदवारों के प्रचार करना होगा और मतदाताओं को वोट डालना होगा।
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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस दौरान बाहरी गतिविधियों में प्रत्याशित वृद्धि से लोगों के लिए लू संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। महापात्र ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने तथा मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसका सबसे बुरा असर पड़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अधिक जोखिम के साथ, मतदाताओं और चुनाव कर्मियों के लिए लू संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है।
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आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने और मध्य दक्षिण भारत में इसकी ज्यादा संभावना है।
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