नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें परेशान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “देश में जो कुछ हो रहा है वह आपत्तिजनक है। इसे बंद किया जाना चाहिए।” देश में भीड़ हिंसा पर प्रतिक्रिया देने और गैर सरकारी संगठनों पर सरकार द्वारा की जा रही कथित कार्रवाई के खिलाफ एमनेस्टी इंडिया के लिए एक वीडियो में आने की वजह से शाह विवादों में आ गए हैं। वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि जो अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें कैद किया जा रहा है।
अमर्त्य सेन ने आगे कहा कि, “हमें अभिनेता को परेशान करने की इस तरह की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। देश में जो कुछ हो रहा है, वह आपत्तिजनक है और इसे जरूर रोका जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि दूसरों को सहन करने की क्षमता खोना एक गंभीर चिंता का कारण है, ये सोचने और समझने की क्षमता के खोने की ओर भी इशारा करता है।
Published: 07 Jan 2019, 11:16 AM IST
बता दें कि शुक्रवार को एक वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि, “जो लोग नाइंसाफों, गरीबों पर जुल्म के खिलाफ लड़ते हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं, दरअसल ये लोग संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करते हैं। लेकिन अब, ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे जेल में डाला जा रहा है। कलाकारों, अभिनेताओं, विद्धानों-शायरों और यहां तक कि पत्रकारों को भी लिखने-बोलने से रोका जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा था, “हमारे आजाद देश का संविधान 26 नवंबर 1949 में लागू हुआ। शुरु में ही संविधान के बुनियादी उसूलों को साफ किया गया कि देश के हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक इंसाफ मिल सके। सोचने, बोलने, किसी भी धर्म को मानने या किसी भी तरह से पूजा-इबादत करने की आज़ादी हो। देश के हर नागरिक को बराबर समझा जाए और हर नागरिक की जान और माल की सुरक्षा और सम्मान दिया जाए।”
Published: 07 Jan 2019, 11:16 AM IST
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Published: 07 Jan 2019, 11:16 AM IST