जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को कोरोना महामारी के मद्देनजर आमजन के लिए इस साल की अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन का कहना है कि वार्षिक तौर पर होने वाली अमरनाथ यात्रा इस साल केवल प्रतीकात्मक होगी, लेकिन गुफा के अंदर मंदिर में सभी पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे।
इस निर्णय से पहले वर्तमान कोविड-19 की स्थिति पर श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह, प्रमुख सचिव (गृह) शालीन काबरा और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नितीश्वर कुमार के साथ विचार-विमर्श किया। कुमार श्राइन बोर्ड के सीईओ भी हैं।
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उपराज्यपाल की ओर से निर्देश दिया गया कि भक्तों को ऑनलाइन तरीके से सुबह और शाम की आरती में शामिल होने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें यात्रा और जोखिम से बचने के साथ-साथ उनके दर्शन करने में मदद मिलेगी। बैठक में बताया गया कि श्राइन बोर्ड ने पवित्र गुफा से आरती के सीधे प्रसारण के लिए वर्चुअल और टेलीविजन तंत्र स्थापित किया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि लोगों के जीवन को बचाना महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस वर्ष की तीर्थ यात्रा को व्यापक जनहित में आयोजित करना उचित नहीं है। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड लाखों भक्तों की भावनाओं को समझता है और उनका सम्मान करता है। बोर्ड पवित्र गुफा मंदिर से सुबह और शाम की आरती का सीधा प्रसारण जारी रखेगा। उन्होंने प्रथम पूजा और समापन पूजा के मौके पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरती करने के लिए गुफा मंदिर में जाने वाले संत कोविड के उचित प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
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श्राइन बोर्ड के सीईओ ने कहा कि भगवान शिव की गदा छड़ी मुबारक को 22 अगस्त को पवित्र गुफा में ले जाने की व्यवस्था की गई है, जब रक्षा बंधन के त्योहार के साथ यात्रा समाप्त होती है।
उन्होंने कहा कि श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड केंद्र शासित प्रदेश और देश में कोविड की स्थिति का आकलन कर रहा है। हमारा ध्यान महामारी को रोकने और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर है।
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नितीश्वर कुमार ने कहा कि सुबह की आरती का प्रसारण 6 बजे और शाम की आरती का प्रसारण 5 बजे होगा, जो कि 30-30 मिनट का कार्यक्रम होगा। इसका प्रसारण श्राइन बोर्ड की वेबसाइट और विशेष रूप से भक्तों के लिए समर्पित ऐप पर लाइव-स्ट्रीम किया जाना है। श्रद्धालु तीर्थस्थल बोर्ड के लिंक के माध्यम से पवित्र बफार्नी के दर्शन कर सकते हैं। आरती बोर्ड के मोबाइल ऐप के माध्यम से भी देखी जा सकेगी, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
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