इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर एग्जिट पोल की विश्वसनीयता से ज्यादा उनकी सटीकता पर सवाल खड़ा कर दिया है। बिहार में आखिरी दौर का मतदान खत्म होते ही कई एजेंसियों और न्यूज चैनलों ने बिहार के लिए एग्जिट पोल किए और अपने-अपने अनुमान सामने रखे। लेकिन लगभग सभी एग्जिट पोल गलत साबित हुए। सभी एग्जिट पोल ने बिहार में महागठबंधन की सरकार की भविष्यवाणी की थी। सिर्फ आईएएनएस-सीवोटर का सर्वे नतीजों के करीब साबित हुआ, हालांकि इसने भी एनडीए के लिए 116 और महागठबंधन के लिए 120 सीटों की भविष्यवाणी की थी, लेकिन नतीजे इसके उलट आए हैं। नतीजों में एनडीए को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली है।
आईएएनएस-सीवोटर एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के तीनों चरणों में एनडीए के लिए अनुमानित 116 सीटों में से बीजेपी को 70 सीटें, जनता दल-यूनाइटेड को 42, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी अवाम मोर्च (हम) को दो और और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दो सीटें मिलने की बात कही गई थी। जब नतीजे आए तो बीजेपी 74 सीटें (अनुमान से 4 अधिक), जेडीयू ने 43 (अनुमान से एक अधिक) और वीआईपी और हम ने 4-4 (अनुमान से 2 सीटें अधिक) जीतीं।
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इसी तरह महागठबंधन के 120 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की गई थी, जबकि उसके खाते में 110 सीटें ही आ पाईं। एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को 85 सीटें, कांग्रेस को 25 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। लेकिन नतीजों में आरजेडी को 75 और कांग्रेस को 19 सीटें मिली हैं।
अन्य प्रमुख एग्जिट पोल तो पूरी तरह से गलत साबित हो गए। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने महागठबंधन के पक्ष में क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी की थी। इसने कांग्रेस-आरजेडी -वामदलों के महागठबंधन के लिए 139-161 सीटों की भविष्यवाणी की थी। वहीं सीएनएन न्यूज 18-टुडे चाणक्य ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए महागठबंधन को 180 सीटें मिलने तक की बात कह दी थी, जबकि इसने बीजेपी-जेडीयू वाले एनडीए के लिए सिर्फ 55 सीटों की भविष्यवाणी की थी। यहां तक कि रिपब्लिक टीवी-जन की बात के एक्जिट पोल ने भी महागठबंधन को 118-138 सीटें देकर स्पष्ट बढ़त दी।
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सी वोटर एग्जिट पोल में एनडीए को 37.7 फीसदी वोट शेयर, विपक्षी महागठबंधन को 36.3 फीसदी और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को 8.5 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी। वास्तविकता बहुत अलग नहीं रही। बीजेपी-जेडीयू को एक साथ 34.9 फीसदी वोट मिले, जो भविष्यवाणी के आंकड़ों के बहुत करीब है। लेफ्ट पार्टियों की मौजूदगी के कारण कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर 32.6 फीसदी वोट हासिल किए। एलजेपी की हिस्सेदारी 5.66 प्रतिशत रही। नीतीश कुमार की जेडी-यू को 15.1 फीसदी वोट (वास्तव में 15.4 फीसदी मिले) मिलने की भविष्यवाणी की गई थी। बीजेपी को 20.4 फीसदी (19.5 प्रतिशत मिले) मिलने की विष्यवाणी की गई थी।
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