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क्या टल जाएंगे यूपी चुनाव! ओमिक्रॉन के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम-चुनाव आयोग से की अपील, कहा-जान है तो जहान है

क्या उत्तर प्रदेश के चुनाव टल सकते हैं? यह सवाल उस समय खड़ा हुआ जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। साथ ही कोर्ट ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग से आग्रह किया कि अगर संभव हो तो चुनावों को कुछ दिन टाल दिया जाए, क्योंकि जान है तो जहान है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडराने लगा है। इसके फैलने की रफ्तार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जीवन रहा तो चुनावी सभाएं और रैलियां होती रहेंगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने इस बाबत आग्रह करते हुए कहा है कि नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार के लिए समाचार पत्रों और दूरदर्शन आदि के माध्यम का इस्तेमाल करना चाहिए और चुनाव टालने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि जान है तो जहान है।

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जस्टिस शेखर कुमार ने यह टिप्पणी एक मामले में जेल में बंद आरोपी संजय यादव के मामले की सुनवाई के दौरान कही। संजय यादव के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट में मामला दर्ज हुआ था। उसे तो कोर्ट ने जमानत दे दी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि 'संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है।'

हाईकोर्ट ने कहा कि 'मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि देश में 24 घंटे में 6 हजार नए मामले सामने आए हैं और 318 लोगों की मौत हुई है। यह समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है।'

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'दूसरी लहर से अधिक भयावह हो सकते हैं नतीजे'

जस्टिस शेखर कुमार ने कहा कि, "कोरोना की दूसरी लहर में लाखों की संख्या में संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों ने लोगों को काफी संक्रमित किया, जिससे लोग मौत के मुंह में गए। अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है। सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके भीड़ जुटा रहीं हैं, जहां किसी भी प्रकार का कोरोना प्रोटोकॉल संभव नहीं है और इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।

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