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जनता की जेब पर चौतरफा हमला, त्योहारी सीजन में सब्जियों के दाम आसमान पर, बिगड़ा रसोई का बजट

सब्जियों के लगातार बढ़ते दाम से आम जनता परेशान है और जूझ रही है। फिलहाल किसी तरीके की कोई भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

नवरात्र शुरू होते ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है और इसके साथ साथ जनता की परेशानियां भी बढ़ने लगती है। लोगो का बजट बिगड़ने लगता है। क्योंकि इस दौरान चाहे फल हो या सब्जियां सब के दाम आसमान पर होते हैं और कुछ ऐसा ही हो रहा है दिल्ली एनसीआर में भी। दिल्ली से सटे नोएडा की बात करें तो यहां पर सब्जी और फलों के रेट में सफल स्टोर और फुटकर रेड़ी विक्रेता की सब्जी के रेट में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिल रहा है। साथ ही साथ सब्जी विक्रेता यह बताते हैं कि उनको पीछे से ही सब्जी महंगी मिल रही है और रही सही कसर बीते दिनों हुई लगातार बारिश ने पूरी कर दी। खेतों में पड़ी हुई सब्जियां सड़ गई जो मंडी तक और आम जनता तक नहीं पहुंच पाई, इसीलिए उनकी कीमत इतनी बढ़ चुकी है।

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दिल्ली एनसीआर में बने सफल स्टोर्स की अगर बात करें तो यहां पर रेट को पूरी तरीके से कंट्रोल में रखा जाता है। फिर भी यहां पर सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूते दिखाई दे रहे हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खुदरा विक्रेता की सब्जियां कितनी महंगी होंगी।

सफल स्टोर के रेट -

आलू - 18 से 22 रुपए प्रतिकिलो

गोभी - 98 रुपए प्रतिकिलो

बैंगन - 45 रुपए प्रतिकिलो

टमाटर - 54 रुपए प्रतिकिलो

फुटकर विक्रेताओं के रेट

आलू - 25 से 30 रुपए प्रतिकिलो

गोभी - 100 रुपए प्रतिकिलो

बैंगन - 80 रुपए प्रतिकिलो

टमाटर - 50 रुपए प्रतिकिलो

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फुटकर विक्रेता सब्जी के बढ़े दामों के लिए बीते दिनों खराब मौसम को मानते हैं। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक लगातार हुई बारिश के चलते खेत में पड़ी सब्जियां सड़ गई। जो आम जनता तक नहीं पहुंच पाई। उन्हीं की शॉर्टेज के चलते मार्केट का यह हाल हुआ है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि साहिबाबाद में सबसे ज्यादा सब्जियों की खेती होती है और उसी से दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर सब्जियां सप्लाई की जाती हैं।

सब्जियों के लगातार बढ़ते दाम से आम जनता परेशान है और जूझ रही है। फिलहाल किसी तरीके की कोई भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

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