उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट होल माइनर्स की हर तरफ चर्चा है। इन्होंने महज 12 घंटे में 12 मीटर का रास्ता बनाकर मजदूरों के बाहर आने का रास्ता बना दिया था। अब उत्तराखंड कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि पार्टी के सभी विधायक रैट होल माइनर्स को अपना एक महीने का वेतन देंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी रैट माइनर्स को प्रोत्साहन राशि दी है।
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दरअसल, ये रैट माइनर्स दिल्ली से उत्तरकाशी के सिलक्यारा पहुंचे थे। 12 लोगों की टीम ने 16 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया। मशीनें टूटती रहीं, लेकिन, इनका हौसला बरकरार रहा। सुरंग में पसरे मलबे और लोहे के अवरोधों को चीरकर जब रैट माइनर्स श्रमिकों तक पहुंचे तो उनकी आस को मानो सांस मिल गई।
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जब रैट माइनर्स एस्केप टनल से दाखिल हुए तो उन्हें देख श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। रैट माइनर्स की भूमिका का अंदाजा भी भीतर फंसे श्रमिकों को नहीं था। सुरंग में एक-एक कर नसीम, मो. इरशाद, मुन्ना, मोनू, नासिर और फिरोज दाखिल हुए। श्रमिकों ने उन्हें अपने सीने से लगा लिया। श्रमिक अपनी 17 दिनों की पीड़ा पलभर में भुला बैठे। श्रमिकों ने रैट माइनर्स को चॉकलेट दी और फोटो खिंचवाई।
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रॉकवेल के टीम लीडर ने रात 11 बजे टीम को तैयार किया। टीम लीडर वकील हसन ने काफी मेहनत की। रैट माइनर्स टीम के सदस्य नासिर और मोनू ने कहा कि उन्हें 25 नवंबर की रात 11 बजे वकील हसन का फोन आया था। वकील हसन समेत सभी 12 सदस्य रात में ही दिल्ली से रवाना हुए और 26 नबंबर की दोपहर बाद सिलक्यारा पहुंच गए। वकील ने बताया कि सभी को लगता है कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उन्हें काफी पैसा मिलेगा। लेकिन, पैसा नहीं भी मिला तो कोई दुख नहीं है। खुशी है कि 41 श्रमिकों को बचाने में उन्होंने भूमिका निभाई है।
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