हरियाणा सरकार के गेहूं खरीद को लेकर किए तमाम दावे और इंतजाम नाकाफी साबित हो गए हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि मंडियां गेहूं से भर गई हैं और उठान नहीं हो पा रही है। मंडियों की हालत का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 24 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जबकि महज 2.8 लाख मीट्रिक टन गेहूं का ही उठान हो पाया है। लिहाजा, सरकार ने प्रदेश की 18 मंडियों में गेहूं की ज्यादा आवक होने के कारण 24 घंटे के लिए गेहूं खरीद पर रोक लगा दी है। कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इसे किसान विरोधी फरमान बताते हुए खट्टर सरकार पर हमला बोला है।
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सरकार का कहना है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। बेशक सरकार कुछ भी दावा करे, लेकिन ऐसे वक्त में जब किसान अपनी फसल लिए मंडी की दहलीज पर खड़ा है, गेहूं खरीद पर रोक लगाना सरकार की बदइंतजामी को बयां करता है। सरकार ने किसानों से कहा कि अब वह अपनी फसल मंडी में केवल एसएमएस आने के बाद ही लाएं। किसान अपनी सुविधानुसार अपनी फसल बेचने का दिन ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल’ पर बदल सकते हैं।
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यह निर्णय मुख्यमंत्री खट्टर की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई बैठक में लिया गया। बैठक में बताया गया कि 18 मंडियों में अधिक आवक एवं कम उठान के कारण खचा-खच की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसलिए यमुनानगर में रादौर, कुरूक्षेत्र में थानेसर, पिहोवा, ईस्माईलाबाद, लाडवा और बबैन, करनाल में निसिंग, तरावडी, असन्ध, इन्द्री, नीलोखेडी, अंबाला में अंबाला शहर और साहा, कैथल में कैथल, कलायत और चौका, सोनीपत में गोहाना, पानीपत में समालखा मंडियों में खरीद पर रोक लगाते हुए गेट पास न जारी किए जाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन मंडियों में उठान सही तरीके से नहीं हो रहा है, वहां जिला उपायुक्तों की ओर से लगाए गए परिवहन इंचार्ज अपने अनुसार एफआईएफओ सिस्टम में संशोधन कर सकते हैं। यह भी निर्णय लिया गया कि अगर परिवहन ठेकेदार अनुबंध के नियम एवं शर्तों के अनुसार परिवहन व्यवस्था करने में विफल रहता है, तो जिला उपायुक्त पोर्टल पर नए परिवहन मालिक एवं उसके वाहनों को जोड़ सकते हैं।
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बैठक में यह भी बताया गया कि इस समय मंडियों में 24 लाख मीट्रिक टन कुल गेहूं की आमद के मुकाबले 2.8 लाख मीट्रिक टन गेहूं का ही उठान हुआ है। जिला स्तरीय कमेटी को किसी भी तरह से तुरंत उठान सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। अगर परिवहन ठेकदार किसी कारणवश गेहूं का समय पर उठान करने पर असमर्थता जाहिर करता है तो जिला स्तरीय कमेटी को उच्च रेट पर किसी अन्य ठेकेदार से काम करवाने के लिए अधिकृत किया गया है इसके अलावा, बाहरी राज्य के किसानों का आगामी आदेशों तक मंडी में प्रवेश वर्जित किया गया है। इसके लिए, पुलिस महानिदेशक को राज्य सीमा पर नाका लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला है। सुरजेवाला ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि रोज़ नया किसान विरोधी फ़रमान, अब तोड़ेंगे मोदी-खट्टर सरकार का अभिमान।
24 घंटे के लिए गेहूं ख़रीद बंद क्यों?
कभी आढ़ती पर बंदी,
कभी बारदाने की तंगी,
कभी मंडी पर तालाबंदी,
कभी गीली फसल कह पाबंदी,
भाजपा-जजपा है किसान विरोधी जुगलबंदी।
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