एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव के मुद्दे पर मोदी सरकार चौतरफा घिर गई है। एक तरफ जहां देश के दलित संगठन, बीजेपी के दलित सांसद और विपक्ष सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि किसी तरह से एक्ट में हुए बदलाव को रद्द किया जाए। वहीं अब अखिल भारतीय हिन्दू महासभा इसके ठीक उलट सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका का विरोध किया है। अलीगढ़ हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिखकर पुनर्विचार याचिका को वापस लेने कि मांग की है। हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे दिल्ली के रामलीला मैदान में सिर मुंडवाकर प्रदर्शन करेंगे।
एससी-एसटी में सुप्रीम कोर्ट की ओर से किए गए बदलाव से नाराज देश भर के दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था। बंद के दौरान देश भर में हिंसा हुई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। आगजनी और पथराव में वाहनों और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा था। एससी-एसटी में हुए बदलाव को लेकर 2 अप्रैल को ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की थी कि जब तक पुनर्विचार याचिका पर कोई फैसला न आ जाए, एससी-एसटी एक में हुए बदलाव पर कोर्ट स्टे लगा दे। लेकिन कोर्ट ने स्टे लगाने से इंकार कर दिया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और अग्रिम जमानत देने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि कानून के दुरुपयोग को देखते हुए इसमें बदलाव किए गए हैं।
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