लोकसभा चुनाव के बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती द्वारा भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर के पद से हटाए जाने के साथ उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने के फैसले को वापस लिए जाने पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीएसपी ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है।
अखिलेश यादव ने कहा कि दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बीएसपी की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है, क्योंकि बीएसपी के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं। इस बात को बीएसपी अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है, लेकिन अब बाजी बीएसपी के हाथ से निकल चुकी है।
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उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि सच तो ये है कि जब बीएसपी का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है। ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट खराब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं।
अखिलेश यादव ने कहा कि इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहाँ डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं।
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