समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी जब हारने के करीब होती है, तो कोई न कोई तिकड़म करने लगती है। वह कभी परिवारवाद के खिलाफ थी, लेकिन अब रिश्तेदारवादी हो रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
Published: undefined
अखिलेश यादव ने कहा, “इस वक्त, भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति और उसकी रणनीतियों पर चर्चा हो रही है। बीजेपी की चुनावी रणनीति और उसकी कार्यशैली को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। चुनावों के नजदीक आते ही, बीजेपी ने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियों के खिलाफ विभिन्न संदेशों का सहारा लिया है। जब बीजेपी को लगा कि वह हार सकती है, तो उसने अपनी रणनीति में बदलाव किया और नए तरीके अपनाए।”
उन्होंने कहा, “बीजेपी, जो पहले परिवारवाद के खिलाफ थी, अब रिश्तेदारवाद में उलझी हुई नजर आ रही है। यह विरोधाभास लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। खासकर, जब लोग बीजेपी के अतीत को याद करते हैं और आज की स्थिति की तुलना करते हैं। बीजेपी के पिछले चुनावी वादों और वर्तमान स्थिति के बीच का अंतर स्पष्ट हो रहा है।”
Published: undefined
उन्होंने आगे कहा, “किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर, बीजेपी ने कई मोर्चों पर असफलता का सामना किया है। खाद और महंगाई की समस्या ने किसानों को परेशान किया है। इसके अलावा, यूपी के कृषि उत्पादों, जैसे आलू, लहसुन और अन्य सब्जियों के लिए बाजार की व्यवस्था को लेकर भी बीजेपी सरकार की आलोचना हो रही है।”
अखिलेश यादव ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और कश्मीर मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरे में लिया जा रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए हमलों में शहीद जवानों के मामलों ने सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में यह कहा जा रहा है कि बीजेपी की सरकार में हमारे सुरक्षा बलों की जान खतरे में है।”
Published: undefined
उन्होंने कहा, “भाषाई मुद्दों पर भी बीजेपी के खिलाफ विरोध हो रहा है। तमिलनाडु में हिंदी को थोपने के प्रयासों के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई है। समाजवादी पार्टी भारतीय भाषाओं के संवर्धन के पक्ष में है और मानती है कि सभी भाषाओं को समान महत्व मिलना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में भी बीजेपी के गठबंधन की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है। बेरोजगारी, महंगाई और अन्य मुद्दों पर बीजेपी की नाकामी ने विपक्षी दलों को फिर से मजबूत किया है। बीजेपी की प्रचार रणनीतियों की हवा निकलती हुई दिख रही है, खासकर जब उन मुद्दों का सामना करना पड़ता है जिन पर उनके पास जवाब नहीं है।”
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined