सामजावादी पार्टी और बीएसपी के गठबंधन टूटने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मायावती की बीएसपी के साथ गठबंधन एक परीक्षण था और कभी-कभी परीक्षण सफल नहीं होता है।
Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
उन्होंने कहा आगे कहा कि, “मैंने मैसूर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। एक विज्ञान के छात्र के रूप में, मुझे पता है कि सभी प्रयोग हमेशा सफल नहीं होते हैं। लेकिन फिर भी हमने एक परीक्षण किया और सीखते हैं कि क्या कमी है।”
Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
उन्होंने आगे कहा कि 'अगर हम अकेले उपचुनाव लड़ रहे हैं तो मैं पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा करूंगा कि हमारी भावी रणनीति क्या होनी चाहिए और इसके लिए क्या करना चाहिए।
Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
दरअसल, मंगलवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, “बीएसपी ने उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा था, “यादव मतदाताओं ने गठबंधन का समर्थन नहीं किया। अगर यादवों ने गठबंधन को भारी संख्या में वोट दिया होता तो डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव जैसे वरिष्ठ समाजवादी पार्टी के नेता यादव बहुल सीटों से नहीं हारते। यह समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय है।”
Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी का कोर वोटर यानी यादव समाजवादी पार्टी के साथ नहीं टिके और भीतरघात करते हुए उनका वोट बीजेपी को ट्रांसफर हुआ। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बीएसपी ने अकेले ही उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
हालांकि मायावती ने अखिलेश यादव और उनके परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में कहा था कि उन्होंने मुझे बहुत सम्मान दिया है। हमारा संबंध समाप्त नहीं होगा हालांकि राजनीति एक और पहलू है।
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Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST
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Published: 05 Jun 2019, 5:59 PM IST