समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के पीएफ महाघोटाला की जांच सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट के सिटिंग से जज से कराई जाए। अखिलेश ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, "इस महाघोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सिटिंग से जज से कराई जाए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "समाजवादी पार्टी की सरकार में डीएचएफएल को बिजली विभाग के कर्मचारियों के पीएफ का एक भी पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया। यह सब काम बीजेपी सरकार में हुआ और अपना घोटाला छुपाने की खातिर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा दूसरों पर झूठा आरोप लगाकर बेदाग साबित होना चाहते हैं।"
Published: undefined
उन्होंने कहा, "डीएचएफसीएल को किस दिन पैसा दिया गया है, एफआईआर में उसकी विस्तृत जानकारी है। सपा सरकार में डीएचएफसीएल को कोई भी फंड नहीं दिया गया।" सपा मुखिया ने कहा, "बीजेपी सरकार ने तो विपक्ष के डर के कारण रात में ही इस मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की है। इनके पास विपक्ष के सवालों का एक भी जवाब नहीं है। इस बड़े घोटाले के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार जिम्मेदार है। इसकी जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री योगी को इस्तीफा देना चाहिए।"
Published: undefined
अखिलेश यदाव ने बीजेपी सरकार में 'आंतरिक विवाद' चलने का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी के 300 विधायक योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा, "आज ही मुख्यमंत्री योगी मेरे बनाए मेदांता अस्पताल के उद्घाटन के पहले इस्तीफा दे दें तो बेहतर है। प्रदेश सरकार घबराई हुई है और इस घोटाले की सच्चाई को छिपाना चाहती है।"
उन्होंने कहा, "आज यूपी के लोग सबसे ज्यादा महंगी बिजली खरीद रहे हैं और बिजली विभाग में यह सब हो रहा है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आज यूपी की कानून व्यवस्था सबसे खराब दौर में है।"
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined