देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। दिवाली से पहले हालात बिगड़ने लगे हैं। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिरकर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार शाम को 266 तक पहुंच गया।
धीरपुर में एक्यूआई गंभीर श्रेणी और पीएम 2.5 बहुत खराब श्रेणी में 342 पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सोमवार को भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है। पूसा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200, लोधीरोड पर 173, आईआईटी दिल्ली स्टेशन 288, शहर के मथुरा रोड पर 162 पहुंच गया है।
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एसएएफएआर के पूर्वानुमान के अनुसार, रविवार को शहर की वायु गुणवत्ता और खराब होकर "खराब" श्रेणी में आ जाएगी। वायु गुणवत्ता सूचकांक के 297 तक पहुंचे की संभावना है। दिल्ली के पड़ोसी शहरों नोएडा का एक्यूआई 290, गुरुग्राम का 152 दर्ज किया गया है।
बता दें कि 0 (शून्य से) और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली में हवा की बिगड़ती गुणवत्ता पर नोटिस जारी कर दिल्ली के मुख्य सचिव, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने कहा कि एनजीटी ने दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के उल्लंघन को उजागर करने वाली मीडिया रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू की।
अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण की जारी समस्या पर चिंता जताई। हरित पैनल ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के निवासियों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिव, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सदस्य सचिव सहित प्रमुख अधिकारियों को नोटिस जारी किया।
इन अधिकारियों को जीआरएपी के अनुसार दिल्ली में विभिन्न स्रोतों से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों का विवरण देते हुए कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक्यूआई को स्वीकार्य सीमा के भीतर बनाए रखना है, खासकर आने वाले सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए। राजधानी में वायु गुणवत्ता के मुद्दों को संबोधित करने की तात्कालिकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए मामले को 8 नवंबर को आगे की कार्यवाही के लिए निर्धारित किया गया है।
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