दिल्ली में महिला पहलवानों पर मोदी सरकार की सरपरस्ती में पुलिसिया दमन के विरोध में और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने परिवर्तन चौक से जीपीओ लखनऊ तक प्रतिरोध मार्च निकाला।
मार्च का नेतृत्व ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण अधिकारी, प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा, आइसा के प्रदेश अध्यक्ष आयुष श्रीवास्तव, प्रदेश सचिव शिवम चौधरी, आरवाईए के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, सचिव सुनील मौर्य ने किया। प्रदर्शन के दौरान उपस्थित रहे। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई।
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प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि महिला पहलवानों के साथ 28 को जो कुछ हुआ, वह मोदी के अमृत काल में 75 वर्ष के लोकतांत्रिक भारत के इतिहास का सबसे क्रूर अमानवीय कृत्य है। जिस तरह महिला पहलवान को घसीटा गया, पीटा गया, अपमानित किया गया। उनके कैंप को हटा दिया गया और उन्हें अलग-अलग थानों में बंद कर मानसिक रूप से उत्पीड़ित किया गया है। यह सेंगोली लोकतंत्र का पहला लक्षण है। हमें सेंगोल नहीं संविधान चाहिए।
वहीं इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नई संसद का उद्घाटन कर रहे हैं और बलात्कार के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को संसद में बैठाया गया है और दूसरी तरफ महिला पहलवान जो एक महीने से अधिक दिनों से अपने लिए न्याय पाने के लिए धरने पर बैठी हैं और उनको दिल्ली पुलिस सड़कों पर घसीट रही है इससे शर्मनाक देश के लिए और कुछ भी नहीं हो सकता। देश का सम्मान बढ़ाने वाले देश के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सड़क पर घसीटा जा रहा है और देश के प्रधानमंत्री इतने संगीन अपराधी के साथ संसद का उद्घाटन कर रह हैं।
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ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन आइसा के प्रदेश अध्यक्ष आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओलंपिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतकर लाने वाली महिला पहलवान सत्तारूढ़ दल के सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत लेकर जंतर मंतर पर अपने मान सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। हम ये मानते हैं कि यौन शोषण बहुत गंभीर अपराध है, ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद गिरफ्तारी नहीं होना शर्मनाक है। एक तरफ बृजभूषण सिंह को बचाया जा रहा है, जबकि न्याय मांगने वाली बेटियों पर लगातार जुल्म किया जा रहा है। तमाम तरह की फब्तियां कस उन्हें ही बदनाम करने के कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पॉक्सो एक्ट के तहत बृजभूषण पर तुरंत कार्यवाही करते हुए गिरफ्तारी की जाए, महिला पहलवानों पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने, एफआईआर करने वाली नाबालिक पहलवान की पहचान उजागर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने, महिला पहलवानों समेत सभी प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमा समाप्त करने की मांग करते हैं।
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इस प्रदर्शन में ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा, आइसा प्रदेश अध्यक्ष आयुष, इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, विद्या रजवार, सरोजनी बिष्ट, मीना सिंह, कमला गौतम, अनीता, तपेश्वरी, माधुरी, सरोजनी, रेखा, लीलावती, मोनिता निखिल, भानु, सुकीर्ति, अमन, समर, अर्पित, ज्योति अंकित, राजीव गुप्ता, मनोज कुशवाहा, ठाकुर प्रसाद, राम लौट, समीर, राम सेवक, नीरज, अर्जुन लाल व अन्य लोग प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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