अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्री बनाए जाने की मंगलवार को निंदा की और उन्हें मध्य प्रदेश के मंदसौर की घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उनके हाथ किसानों के खून से रंगे हैं। मंदसौर में आंदोलन के दौरान पुलिस कार्रवाई में छह किसान मारे गए थे।
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वामपंथी किसान संगठन एआईकेएस ने मंगलवार को जारी एक बयान में ‘पीएम किसान निधि’ की 17वीं किस्त जारी करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को ‘आंखों में धूल झोंकने वाला’ बताया और बीजेपी-एनडीए पर 159 ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी हार से सबक नहीं लेने का आरोप लगाया।
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एआईकेएस ने एक बयान में कहा, ‘‘एनडीए द्वारा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान के चयन की एआईकेएस कड़ी निंदा करती है। उनके शासन में ही छह जून 2017 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलन कर रहे छह किसानों की पुलिस कार्रवाई में हत्या की गई थी।’’
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एआईकेएस ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा फसलों की गारंटीशुदा खरीद की किसानों की मांग जायज है। यह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की मुख्य मांगों में से एक है, जिसने अब रद्द कर दिए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की किसान शाखा एआईकेएस भी एसकेएम का हिस्सा है।
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