हाल ही में अपने पुराने रूसी लड़ाकू विमान बेड़े में शामिल दुर्घटनाओं के बीच, भारतीय वायु सेना अब 30 सितंबर तक मिग -21 बाइसन विमान के एक और स्क्वाड्रन को सेवानिवृत्त करने जा रही है। राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार शाम एक मिग-21 टाइप 69 ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दोनों पायलटों की मौत हो गई। मिग-21 के ऐसे ही हादसों को देखते हुए एयरफोर्स ने इन विमानों को अपने जखीरे से बाहर करने का अहम फैसला लिया है।
न्यूज एजेंसी IANS ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर स्थित 51 स्क्वाड्रन को 30 सितंबर को नंबर प्लेट किया जा रहा है। इसके बाद, विमानों के केवल तीन स्क्वाड्रन सेवा में रह जाएंगे और वर्ष 2025 तक चरणबद्ध हो जाएंगे। वायु सेना के अधिकारियों ने बताया की अब हर साल इन विमानों में से प्रत्येक पर एक स्क्वाड्रन की नंबर प्लेट लगाई जाएगी। 51 स्क्वाड्रन 27 फरवरी, 2019 को भारत पर पाकिस्तान के हवाई हमले को विफल करने और विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदनवर्थमान द्वारा उड़ाए गए एक विमान में एफ16 को बाहर निकालने के लिए प्रसिद्ध है।
रिपोर्ट के मुताबिक यह एकमात्र उदाहरण है जब मिग-21 विमान ने हवा से हवा में लड़ाई में एफ-16 को मार गिराया। आपको बता दें, पिछले 20 महीनों में 6 मिग-21 विमान हादसों के शिकार हुए हैं, जिनमें पांच पायलटों की जान चली गई है। मिग-21 को बहुत पहले ही बंद कर दिया जाना था, लेकिन एलसीए तेजस विमान को शामिल करने में देरी ने भारतीय वायुसेना को इन विमानों को उड़ाना जारी रखने के लिए मजबूर किया है।
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना उड़ान से पहले इन विमानों की व्यापक जांच करती है और पायलट के उड़ान भरने से पहले सभी सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। अधिकारियों ने कहा कि नंबर प्लेटेड स्क्वाड्रन को निकट भविष्य में अधिक सक्षम विमान के साथ जल्द ही फिर से सक्रिय किया जाएगा।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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