गुजरात का अहमदाबाद एयरपोर्ट इन दिनों लंगूरों के आतंक से बचने के लिए अपनाए गए अपने अनोखे तरीके को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इन लंगूरों से निपटने के लिए अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने जो तरीका निकाला है, उसे देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल, लंगूरों के हमलों से यात्रियों और विमानों को बचाने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने एयरपोर्ट परिसर में एक विशाल 'भालू' को तैनात किया है। अब इस ‘भालू’ को देखकर लंगूर दूर-दूर भागने लगते हैं।
लेकिन मजे की बात ये है कि यह भालू असली नहीं है, बल्कि भालू की ड्रेस में हवाई अड्डे का एक कर्मचारी है। भालू की ड्रेस पहनकर यह कर्मचारी एयरपोर्ट परिसर में लंगूरों को भगाने का काम करता है। यह कर्मचारी रनवे के आसपास तैनात रहता है और जैसे ही लंगूर उधर आने की कोशिश करते हैं, वह उनकी ओर लपकता है, जिसके बाद सारे लंगूर वहां से भागने लगते हैं। इसका एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है।
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दरअसल अहमदाबाद एयरपोर्ट के चारों ओर से पेड़ों से घिरा होने के कारण यहां के रनवे पर बड़ी संख्या में लंगूरों का दिखना आम बात है। लेकिन अब ये लंगूर एयरपोर्ट कर्मचारियों के साथ ही यात्रियों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। बीते अप्रैल में लंगूरों का समूह एयरपोर्ट के ऑपरेशनल क्षेत्र में घुस गया था, जिससे कई उड़ानें प्रभावित हुई थी। कई बार लंगूरों के रनवे पर आ जाने के कारण विमानों को दूसरी जगह से उड़ान भरनी पड़ी या फिर घंटो देर तक इंतजार करना पड़ा।
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अहमदाबाद एयरपोर्ट के निदेशक मनोज गंगल के अनुसार अक्सर यहां बड़ी संख्या में लंगूर हवाई अड्डा के ऑपरेशनल क्षेत्र में घुस आते हैं। लंगूर काफी बड़े और तेज रफ्तार होने के कारण विमानों के लिए कभी भी खतरा हो सकते हैं। लंबे समय से एयरपोर्ट अधिकारी और कर्मचारी उन्हें भगाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। गंगल ने बताया कि इस बीच पता चला कि लंगूर भालुओं से डरते हैं, जिसके बाद एक कर्मचारी को भालू की ड्रेस पहनाकर परिसर में तैनात किया गया तो उससे डरकर लंगूर भागने लगे। तभी से लंगूरों को भगाने के लिए कर्मचारी को भालू बनाकर तैनात किया जा रहा है।
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एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि एयरपोर्ट नियमों के मुताबिक, अगर कोई जानवर ऑपरेशनल क्षेत्र में घुस आता है, तो वहां विमानों को नहीं उतार सकते हैं। लंगूरों से निपटने के लिए अब तक परंपरागत तरीके अपनाए जा रहे थे। जिसमें जानवरों को भगाने के लिए पटाखे फोड़ने से लेकर तेज सायरन बजाने जैसे उपाय किए जाते थे। निदेशक ने कहा कि उम्मीद है कि भालू की ड्रेस का तरीका कारगर साबित होगा और इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।
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