रेलवे में खाने की क्वालिटी को उत्तम स्तर का बनाने के लिए आईआरसीटीसी ने कई बदलाव और कई नए नियम लागू किए हैं, लेकिन खाने का स्तर अभी भी घटिया है। एक बार फिर ट्रेन में मिलने वाले खाने पर सवाल उठने लगे हैं। पुरी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस का नाश्ता खाने से कथित तौर पर 33 यात्रियों की तबियत खराब हो गई। जिसके बाद आनन-फानन में 14 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना 23 मई की है और यह जानकारी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
दक्षिण पूर्वी रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया, “ट्रेन के पश्चिम मिदनापुर जिले के बेल्दा स्टेशन पहुंचने पर शुरुआत में 2 यात्रियों ने उल्टी और बेचैनी की शिकायत की। यात्रियों को देखने के लिए जल्द ही एक डॉक्टर बुलाया गया। बाद में 15 यात्रियों में इसी प्रकार की शिकायत पाई गई।” उन्होंने बताया कि आइआरसीटी के भोजन के नमूने जांच के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने बाद ही इस संबंध में कुछ बताया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ट्रेन के करीब 500 यात्रियों को भी वही भोजन पड़ोसा गया था। मगर खराब खाना खाने से बीमार होने की शिकायत कुछ ही लोगों ने की।
पीड़ित यात्रियों ने बताया कि भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा पड़ोसे गए भोजन खाने के बाद वे बीमार पड़ गए। एक यात्री ने बताया कि भुवनेश्वर से ट्रेन के प्रस्थान करने के बाद पड़ोसे गए आमलेट और ब्रेड खाने के बाद हम अस्वस्थ महसूस करने लगे।
Published: 24 May 2018, 11:07 AM IST
हाल ही में ट्रेन में टॉयलेट के पानी से चाय बनाने से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने वेंडिंग कांट्रैक्टर पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। ट्रेन के टॉयलेट के पानी को चाय बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
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इससे पहले भी खाने पीने की गुणवत्ता को लेकर कई बार रेलवे की फजीहत हो चुकी है। मार्च, 2017 में राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन में यात्रियों ने खराब खाना परोसे जाने की शिकायत की थी। ट्रेन में ही घटिया खाना खाने से 6 लोगों की तबियत भी खराब हो गई थी।
21 जुलाई, 2017 में सीएजी ने रेलवे द्वारा दिए जाने वाले खाने को लेकर संसद में अहम रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि रेलवे का खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि दूषित खाद्य पदार्थों, एक खाना को बार बार गरमकर खाना परसोना, डब्बा बंद और बोतलबंद सामान का इस्तेमाल एक्सपायरी डेट के बाद भी किया जाता है।
सीएजी ने रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया था कि 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों के निरीक्षण में पाया गया कि खाना तैयार करने के दौरान सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
जुलाई, 2017 में पूर्वा एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक यात्री ने ट्रेन की कैटरिंग से खाना मंगवाया तो उसमें खाने के साथ छिपकली पाई गई थी। यात्री ने रेलवे मंत्री को ट्विटर पर फोटो शेयर करते हुए कहा था, “मोकमा में खाना ऑर्डर किया था और मिला यह।”
(आईएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 24 May 2018, 11:07 AM IST
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Published: 24 May 2018, 11:07 AM IST