केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने निपाह वायरस के पहले मामले की पुष्टि की है। दरअसल, कोच्चि में एक छात्र को निपाह वायरस की चपेट में आने का संदेह था, जिसके बाद पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान(एनआईवी) ने जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव बताया है। निपाह वायरस के एक बार फिर सामने से लोगों में दहशत का माहौल है। आईए जानते है क्या है निपाह वायरस और इसके लक्षण
Published: 04 Jun 2019, 11:52 AM IST
निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। चिकित्सा शोध से पता चलता है कि यह चमगादड़ और सूअर के जरिए इंसानों में तेजी में फैलता है। जो फल चमगादड़ या सूअर के संपर्क में आते हैं, उन्हीं के जरिए यह बीमारी इंसानों तक पहुंचती है। संक्रमण के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देती है। इसकी जद में जो भी व्यक्ति आता है उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में भयानक पीड़ा और तेज बुखार होता है।
कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेसिया में हुई थी। उस वक्त इस बीमारी की चपेट में 250 से अधिक लोग आए थे। 40 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
अभी तक बीमारी से लड़ने के लिए देश में किसी भी प्रकार के टीके या वैक्सीन का इजाद नहीं हुआ है। वायरस की जांच के लिए सिर्फ पुणे में एक प्रयोगशाला है। फिर हम यह कैसे दावा करते हैं कि निपाह से लड़ने के लिए सारी तैयारियां मुकम्मल हैं।
Published: 04 Jun 2019, 11:52 AM IST
यह इंसान और जानवरों में फैलने वाला संक्रमण है। मनुष्यों में निपाह वायरस की वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है।
बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम होता है। रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
Published: 04 Jun 2019, 11:52 AM IST
इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए। पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति से दूरा बनाएं रखें।
Published: 04 Jun 2019, 11:52 AM IST
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Published: 04 Jun 2019, 11:52 AM IST