मोदी सरकार द्वारा विवादित कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में एसकेएम के लगभग सभी सदस्य संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। एसकेएम नेताओं ने कहा खि बलवीर राजेवाल, गुरुनाम सिंह चधुनी, मंजीत राय दर्शन पाल और योगेंद्र यादव समेत लगभग 40 सदस्यों ने बैठक में शामिल हैं। प्रमुख नेताओं में से एक, भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत उपस्थित नहीं हैं क्योंकि वह अभी में लखनऊ में हैं।
Published: 21 Nov 2021, 12:39 PM IST
किसान नेता पहले घोषित एजेंडे पर अडिग हैं कि उनका व्यापक विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी समर्थन नहीं मिल जाता है और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को संसद में संवैधानिक तरीके से निरस्त नहीं किया जाता है।
मीटिंग शुरू होने से पहले किसान नेताओं ने कहा है कि बैठक में एमएसपी, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे और उनकी अगली कार्ययोजना पर चर्चा होगी। अन्य मांगों में 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने पर संसद में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि भी शामिल है।
Published: 21 Nov 2021, 12:39 PM IST
करीब एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस दौरान कई मौकों पर किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कई बार पुलिस से किसानों का आमना सामना भी हुआ। इस दौरान कई किसनों को गिरफ्तार किया गया। सैकड़ों मुकदमें किसानों के खिलाफ दर्ज किए। देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। प्रदर्शन के दौरान 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा की यह कोशिश है कि ऐसे सभी किसानों को इंसाफ मिले।
Published: 21 Nov 2021, 12:39 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनोंको वापस लेने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कानून वापसी की वजह बताते हुए कहा था कि हम किसानों को समझा नहीं सके, इसलिए कानून वापस ले रहे हैं।
Published: 21 Nov 2021, 12:39 PM IST
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Published: 21 Nov 2021, 12:39 PM IST