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हिंडनबर्ग के ताजा खुलासे के बाद चर्चा में हैं ये दो नाम, जानें कौन हैं माधवी और धवल बुच

माधवी बुच ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए और नई दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से मैथमेटिक्स की डिग्री हासिल की है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा किए गए ताजे खुलासे के बाद भारत में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। हिंडनबर्ग के खुलासे में दो बड़े नाम सामने आए हैं। पहला SEBI प्रमुख माधवी पुरी बुच और दूसरा उनके पति धवल बुच का नाम शामिल है। आइए आपको बताते हैं कि माधवी पुरी बुच और धवल बुच, जिनके नाम चर्चा में बने हुए हैं, वे आखिर कौन हैं।

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कौन हैं माधवी पुरी बुच?

2 मार्च 2022 को माधवी पुरी बुच ने सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले वह सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रही थीं। वह बाजार नियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी संबंधी विभागों का कामकाज देखतीं थीं।

माधवी पुरी बुच ने शंघाई के न्यू डेवलेपमेंट बैंक में बतौर सलाहकार और प्राइवेट इक्विटी फर्म ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में बतौर सिंगापुर हेड भी काम कर चुकी हैं। माधवी पुरी बुच आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एमडी और सीईओ रह चुकी है। इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद भी वहह संभाल चुकी हैं।

माधवी बुच ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए और नई दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से मैथमेटिक्स की डिग्री हासिल की है। 

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धवल बुच कौन हैं?

धवल बुच, सेबी चीफ माधवी बुच के पति हैं और फिलहाल ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्शल कंपनी में वरिष्ठ सलाहकार हैं। वह गिल्डन के बोर्ड में गैर कार्यकारी निदेशक का पद संभाल चुके हैं।

धवल बुच ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली है। धवल यूनिलीवर में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और कंपनी के मुख्य अधिग्रहण अधिकारी रह चुके हैं। बुच को अधिग्रहण और सप्लाई चेन के क्षेत्र में गहरी रुचि है।

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हिंडनबर्ग ने क्या खुलासा किया है?

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने ताजा खुलासा करते हुए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच पर गभीर आरोल लगाए हैं। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग ने अदाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, "सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।"

शॉर्ट-सेलर ने (मामले से पर्दा उठाने वाले) “व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों” का हवाला देते हुए कहा, "सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।"

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