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सीबीआई निदेशक पद पर वापस आते ही एक्शन में आलोक वर्मा, पलट दिए नागेश्वर राव के ज्यादातर ट्रांसफर ऑर्डर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को सीबीआई निदेशक का पद संभालते ही आलोक वर्मा ने अपनी जगह अंतरिम चीफ बनाए गए के. नागेश्वर राव द्वारा जारी सभी ट्रांसफर ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। राव ने पद संभालते ही वर्मा की टीम के 10 अधिकारियों का तबादला कर दिया था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आलोक वर्मा ने 77 दिन के बाद बुधवार को सीबीआई निदेशक का कार्यभार फिर से संभाला। जांच एजेंसी के प्रमुख का पद फिर से संभालते ही उन्होंने खुद की जगह अंतरिम निदेशक बनाए गए एम नागेश्वर राव के सभी ट्रांसफर ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। बतौर निदेशक राव ने वर्मा के कई नजदीकी अधिकारियों का तबादला कर दिया था। पहले से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि पद संभालते ही वर्मा ट्रांसफर ऑर्डर को रद्द कर सकते हैं। वर्मा के इस कदम से सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दायर एफआईआर की जांच में तेजी आने के भी कयास लगने लगे हैं।

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सीबीआई में हुए विवाद के बीच केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 को देर रात आदेश जारी कर आलोक वर्मा के अधिकार सीज कर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था और एम नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम निदेशक नुयुक्त कर दिया था। सरकार ने साथ में ही राकेश अस्थाना को भी छुट्टी पर भेज दिया था। आलोक वर्मा ने सरकार के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए खुद को फिर से पद पर बहाल किए जाने की मांग की थी। सरकार ने कोर्ट में कहा था कि एजेंसी के दो सबसे सीनियर अधिकारी एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे, ऐसे में यह कदम उठाना जरूरी था। इस पर शीर्ष अदालत ने सीवीसी को वर्मा के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। सीवीसी जांच के बाद हुई सुनवाई में अदालत ने सरकार की दलील को खारिज करते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया, जिसके बाद बुधवार को वर्मा ने फिर से अपना कार्यभार संभाला।

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