पैन कार्ड के बाद अब वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी है। खबरों के मुताबिक, चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय ने भी सहमति दे दी है। इसके लिए सरकार चुनाव आयोग को कानूनी शक्ति देगी। इसके तहत अब बहुत जल्द आपको अपना वोटर कार्ड वैलिड रखने के लिए आधार से लिंक करने संबंधि सूचना मिल सकती है। हालांकि इसके लिए कोई समय नहीं दिया गया है।
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चुनाव आयोग इसके पीछे वोटर आईडी को आधार से लिंक करने पर फर्जी और डुप्लिकेट वोटरों को हटाने का दलील दी है। साथ ही प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिंग अधिकार देने में आसानी होगी। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को अगस्त 2019 में वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मान लिया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नंबर वाले आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए उसे कानूनी अधिकार चाहिए।
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वहीं केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत में बाहर से आकर लोग नकली राशनकार्ड के जरिए अपना वोटर कार्ड बनाने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसे घुसपैठियों की निशानदेही मुश्किल हो जाती है। इसलिए अब भारतीय होने के पुख्ता रिकॉर्ड को लागू किया जाएगा। इसी के तहत केंद्र सरकार ने वोटर कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बिना आधार कार्ड लिंक वाले सभी वोटर कार्डों को निरस्त करने पर भी विचार किया जा सकता है।
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दरअसल चुनाव आयोग की दलील है कि एक ही मतदाता के एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड बनवाने की समस्या के समाधान के लिये इसे आधार से जोड़ना ही एकमात्र विकल्प है। कानून मंत्रालय ने आयोग की इस दलील से सहमति जताते हुए आधार के डाटा को कई स्तरों पर संरक्षित करने की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।
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बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी। जिसमें अपील की गई थी कि जो नए वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उनके आधार को लिंक करने पर विचार किया जाए।
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