असम एनआरसी के बाद खबर है कि महाराष्ट्र सरकार भी एनआरसी लाने जा रही है। खबरों के मुबातिक, राज्य में असली नागरिकों की पहचान के लिए फडणवीस सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार राज्य में मौजूद अवैध नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र बनाने की तैयारी कर रही है।
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महाराष्ट्र एनआरसी की खबर उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब खबरों में कहा गया कि फडणवीस सरकार अवैध नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र बनाने के लिए जमीन की तलाश कर रही है। एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नवी मुंबई प्लानिंग अथॉरिटी से हिरासत केंद्र बनाए जाने के लिए जमीन देने को कहा है। फडणवीस सरकार के इस कदम से अंदाजा लगाया जा रहा है कि असम की तरह ही अब महाराष्ट्र में भी एनआरसी लाने की तैयारी शुरू हो गई है।
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खबर के अनुसार, महाराष्ट्र सिटी एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन विभाग को महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र में नेरुल में दो से तीन एकड़ जमीन देने की बात की गई है। मुंबई से नेरुल सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है। इस खबर के सामने आने के बाद लोगों में खलबली मच गई है। अभी कुछ दिन पहले ही अमस एनआरसी की फाइनल सूची आई थी। इस सूची में कई ऐसे लोग बाहर हो गए थे, जिनके पिता और दादा ने देश की आजादी से लेकर सरकारी महकमों में अहम भूमिका निभाई थी।
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एनआरसी लिस्ट में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने अप्लाई किया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को एनआरसी सूची में शामिल किया गया, जबकि 19,06,657 लोगों का नाम सूची में नहीं आया। जिन 19 लाख से ज्यादा लोगों का असम एनआरसी सूची में नाम नहीं आया है, उन्हें देश से बेदखल होने की चिंता सता रही है। हालांकि ऐसे लोगों के पास और भी मौके हैं। यह लोग सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से लेकर फॉरेनर्स ट्रिब्युनल में एनआरसी में जगह न मिलने को लेकर अपील कर सकते हैं।
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