सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने वाली है। इससे पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जिन्हें 3 महीने से हिरासत में रखा गया है, उन्हें संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए सरकार रिहा करे।
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गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी के नेता चिदंबरम के लिए भी ऐसी ही मांग सरकार के सामने रख दी। उन्होंने कहा, “अतीत में ऐसे उदाहरण हैं कि जिन सांसदों के मुकदमों की सुनवाई हो रही होती थी, उन्हें भी संसद सत्र में उपस्थित होने की अनुमति दी गई है। इसलिए पी चिदंबरम को भी शीतकालीन सत्र में आने की इजाजत दी जानी चाहिए।”
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बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा शामिल हुए। इसके अलावा टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, एलजेपी नेता चिराग पासवान, समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव, तेलुगू देशम पार्टी नेता जयदेव गल्ला, वी विजयसाई रेड्डी भी बैठक का हिस्सा रहे।
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बता दें कि महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को पांच अगस्त को तड़के नजरबंद किया गया था। 5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अंत और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले का ऐलान करने के बाद से ही फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कई अन्य नेता नजरबंद किए गए थे।
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