उत्तर प्रदेश के तीन जिलों- कन्नौज, प्रतापगढ़ और रायबरेली में हुए एक बड़े मिड डे मील घोटाला मामले में करीब 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों पर मिड डे मील के लिए आवंटित अनाज को बाजार में बेचने का आरोप है। रायबरेली में एक निजी व्यापारी के गोदाम में इस योजना के लिए भारी मात्रा में आए खाद्यान्न की बरामदगी के लिए छापेमारी के बाद प्रतापगढ़ के 4 पर्यवेक्षकों और 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया गया।
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रायबरेली के सलोन ब्लॉक के गोदाम में लगभग 155 बैग (करीब 9,300 किलोग्राम) अनाज मिला, जिसे पड़ोस के प्रतापगढ़ से लाया गया था। विभागीय जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि मिड डे मील के लिए आया यह अनाज प्रतापगढ़ के रामपुर-संग्रामगढ़ और रामपुर खास ब्लॉकों के लिए था, जिसे गैर-कानूनी ढंग से रायबरेली के व्यापारियों के बेच दिया गया।
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इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलेपमेंट सर्विसेज (आईसीडीएस) के निर्देशक शत्रुघ्न सिंह के अनुसार, जांच की रिपोर्ट के आधार पर व्यापारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
सिंह ने कहा कि प्रतापगढ़ जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) पीके यादव और चाइल्ड डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट अधिकारी (सीडीपीओ) प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इसी तरह मिड डे मील योजना के वितरण में अनियमितता पाए जाने के बाद कन्नौज में चार मुख्य सेविकाओं और एक मुख्य क्लर्क को निलंबित कर दिया गया।
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कन्नौज में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की टीम को मिड डे मील के लिए आवंटित अनाज बड़ी मात्रा में एक ऑटो रिक्शा में मिले थे जिसे कहीं ले जाया जा रहा था। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद यह कार्रवाई की गई।
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